Kolkata: इसी साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी जंग और तेज हो गई है. सोमवार को कोलकाता में रैली करने आए केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी की रैली में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पत्थर फेंके गए. इससे कार्यकर्ताओं के बीच अफर-तफरी मच गई. रैली में पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्य्क्ष दिलीप घोष और हाल ही बीजेपी में शामिल होने वाले टीएमसी के विधायक सुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे. सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि इस रैली को आयोजित करने के लिए पुलिस से अनुमति भी ली गई थी.
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रैली को नाकाम करने की हुई कोशिश
सुभेंदू ने कहा कि परमिशन के बावजूद इसके रैली में पत्थरबाजी कर उसे नाकाम करने की कोशिश की गई. मगर विरोधियों की यह रणनीति काम नहीं आएगी, क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता भाजपा के साथ और टीएमसी के खिलाफ है. आज पश्चिम बंगाल का आम-अवाम प्रदेश में बदलाव चाहता है. गौरतलब है कि सोमवार को ही सुवेंदु अधिकारी के विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में मुख्य मंत्री ममता बनर्जी एक रैली करने पहुंची थी. वहां उन्होंने इस बात का ऐलान किया था कि वह इस बार नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ेंगी.
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जंग का मैदान क्यों बना नंदीग्राम
गौरतलब है कि 2009 के विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी ने पहली बार नंदीग्राम में अपना खाता खोला था. इस चुनाव में टीएमसी की फिरोजा बीबी विजयी हुई थी. शुभेंदु अधिकारी 2016 में नंदीग्राम से विधायक बने और ममता सरकार में मंत्री बनाए गए. टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी को 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन का सूत्रधार माना जाता है.