धनबाद : 2 हजार करोड़ नुकसान का अनुमान
DHANBAD : सरकारी बैंकों के कर्मियों ने गुरुवार 16 दिसंबर को निजीकरण के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी. हड़ताल 17 दिसंबर को भी जारी रहेगी. पहले दिन भारी संख्या में बैंक कर्मियों ने काम काज छोड़ कर बैंक के समक्ष प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
निजीकरण की नीति की आलोचना
मौके पर मौजूद बैंक कर्मी नंद कुमार महाराज ने बताया कि 16 दिसंबर से 17 दिसंबर तक पूरे देश में सरकारी बैंकों के कर्मी सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे. मोदी सरकार बैंकों को निजी मालिकों के हवाले करने जा रही है. गलत आंकड़े पेश कर देश की जनता को गुमराह कर रही है. जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है.
निजीकरण नहीं होने देंगे का नारा
कहा कि मोदी सरकार देश के सभी बेरोजगारों को पकौड़ा छानने को कह रही है. उन्होंने कहा कि बैंक बचेगा तो देश बचेगा, बैंक बिक गए तो सारी दुनिया बिक बैंककर्मियों का नारा है दो दिन का वेतन कटवाएंगे, जनता को बचाएंगे. परंतु किसी भी हाल में बैंक का निजीकरण नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय हड़ताल से भी सरकार ने नहीं माना तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी.
उन्होंने कहा कि धनबाद जिले में लोकल स्तर पर लगभग 150 सौ शाखाएं दो दिन बंद रहेंगी. इस बंदी से लगभग 2000 हजार करोड़ का नुकसान होगा, जिसकी सारी जवाबदेही केंद्र की मोदी सरकार की होगी.
दुमका में बैंककर्मी हड़ताल पर, प्रदर्शन
Dumka : सरकार के सरकारी बैंकों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ राजधानी के सैकड़ों बैंक कर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए. हड़ताल 16 से 17 दिसंबर तक रहेगी. बैंककर्मी दुमका एसबीआई मेन ब्रांच के सामने एकजुट हुए और प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मी विजय कुमार ने बताया कि सरकार बैंकों का प्राइवेटेजाइजेशन करने जा रही है. इससे आम आदमी के पैसे की सुरक्षा की कोई गारेंटी नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि दुमका जिले में लोकल स्तर पर इस बंदी से 50 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
जामताड़ा में बैंककर्मियों का धरना-प्रदर्शन
Jamtara : एसबीआई मुख्य शाखा जामताड़ा के सामने गुरुवार को बैंककर्मियों ने बैंको के निजीकरण के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. जिले भर के लगभग 61 बैंक शाखाओं पर ताला लटका रहा. लगभग 300 बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. बैंककर्मियों की मानें तो हड़ताल से करीब 50 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है.
हालांकि पेमेंट का डिजिटल मोड हो जाने से कारोबारियों को भुगतान में भारी परेशानी नहीं हुई. बैंककर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस अवसर पर एस सी मंडल, सुष्मिता मांझी, सोमनाथ मांझी, अनंत मांझी, आशालता टुडू, प्रान्तिक पाल, मसुधीर सिंह, दोलन दास, अखिलेश कुमार, दीपक लिंडा, दीपक कुमार, बासुकी व धीरज आदि मौजूद थे.
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