Adityapur : आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में पांचवां अंतरराष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव का शुभारंभ हुआ. अतिथियों का स्वागत चंदन तिलक लगाकर और शंखनाद के साथ हुआ. कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. महोत्सव तीन दिनों तक चलेगा. पहले दिन मुख्य अतिथि कोल्हान विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. गंगाधर पंडा थे. विशिष्ट अतिथियों में वाणिज्य अधिकारी डॉ पीके पाणी, अवकाश प्राप्त हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ बीएम पेनाली, तद्भव पत्रिका के सम्पादक अखिलेश कुमार और अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ चंद्रकला त्रिपाठी शामिल थे. श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो ने कहा कि हिन्दी हमारे संस्कार की भाषा है. यह केवल एक महोत्सव नहीं है, इसे हमलोग जीते हैं और भरपूर जीते हैं. हिन्दी हमारी भावनाओं से जुड़ी हुई भाषा है. उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत शॉल, पुष्पगुच्छ तथा स्मृतिचिह्न देकर किया. कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने कहा कि भारत में जितनी भी भाषाएं बोली जाती हैं उसमें हिन्दी ने सबसे लंबा सफर तय किया है.
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कोल्हान क्षेत्र में कई जनजाति भाषाएं भी बोली जाती हैं. हमें हिन्दी के साथ इन्हें लेकर चलना है. अब तक भारत में जितने भी शिक्षा आयोग बने हैं सबने हिन्दी और मातृभाषा पर जोर दिया है. डॉ पंडा ने कविता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कविता हमें जोड़ती है और इसके लिए उन्होंने बच्चन की कविता मधुशाला की पंक्तियों को गुनगुनाया. पहले दिन अखिलेश और प्रोफेसर चंद्रकला त्रिपाठी मुख्य वक्ता थे. प्रतियोगिताओं की शुरुआत हास्य कवि सम्मेलन से हुई. हास्य कवि सम्मेलन में मॉरिशस से प्रतिभागी के रूप में भाग्यलक्ष्मी ऑनलाइन जुड़ी थीं. इसके साथ ही निबंध लेखन, दीवार सज्जा, सामूहिक चर्चा, साहित्यिक सफर, व्यक्तित्व झांकी आदि हुईं.
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