LagatarDesk : बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. मां सरस्वती को विद्या की देवी भी कहा जाता है. इस साल बसंत पंचमी 5 फरवरी को पड़ रहा है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. कहा जाता है कि मां सरस्वती जिसपर प्रसन्न हो जाती है. उसे विद्वान कोई नहीं हो सकता है. मां सरस्वती को पीला रंग काफी पसंद है. इसलिए उन्हें पीले रंग का वस्त्र, पीले पुष्प, गुलाल, अक्षत, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित किया जाता है. मां सरस्वती कमल पर विराजमान होती है. उनके एक हाथ में वीणा तो दूसरे हाथ में पुस्तक धारण करती हैं.
जानें कब बन रहा शुभ मुहूर्त
मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां शारदे की पूजा करने से मां प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. जिन भक्तों पर मां शारदे कृपा बरसाती हैं उन्हें कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में बेशुमार सफलता मिलती है. बसंत पंचमी के दिन मां को जल्दी प्रसन्न करने के लिए सरस्वती वंदना और सरस्वती मंत्रों का जाप करना चाहिए. पूजा का शुभ मुहूर्त 5 घंटे और 28 मिनट का है. जो सुबह 7 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
संपूर्ण मंत्र
ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
मूल मंत्र : ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।
विघ्न-बाधाओं का नाश करने वाला मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी।
मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।।
Leave a Reply