Jamshedpur : वर्ष 2005 से स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रही बागबेड़ा सहित आधा दर्जन पंचायतों की जनता के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. 2018 में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के पूर्ण होने का दावा करने के बाद 2022 हो गया लेकिन लोगों को पानी मिलने की उम्मीद अब भी अधर में लटकी है. जिसके कारण क्षेत्र की जनता एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में जुट गई है. इसकी जानकारी आज बागबेडा महानगर विकास समिति एवं संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति की ओर से जिला प्रशासन एवं जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो को दी गई. उन्हें बताया गया कि क्षेत्र की जनता 2012 में झारखंड विधानसभा तक पैदल मार्च की तर्ज पर 2022 में दिल्ली संसद भवन मार्च का ऐलान कर चुकी है. इसकी तिथि 21 मार्च मुकर्रर की गई है.
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28 मार्च को रांची राजभवन पर प्रदर्शन करेंगे आंदोलनकारी
सुबोध झा ने कहा 21 मार्च से दिल्ली पदयात्रा की शुरुआत होगी. जमशेदपुर से आंदोलनकारी पदयात्री 28 मार्च को रांची पहुंचेंगे. जहां राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदर्शन के उपरांत राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मांग पत्र सौंपा जाएगा. फिर वहां से दिल्ली के लिये आंदोलनकारी निकल पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि दूरी के हिसाब से 73 दिन तक पदयात्रा के बाद सभी दिल्ली संसद भवन पहुंचेंगे. जहां प्रधानमंत्री से ग्रामीण जलापूर्ति योजना धरातल पर उतारने की सभी गुहार लगाएंगे.
सांसद ने आंदोलन में सहयोग एवं समर्थन का वादा किया
आंदोलनकारियों से मिलने के बाद सांसद विद्युत वरन महतो ने पेयजल के इस आंदोलन में सहयोग एवं समर्थन का वादा दोहराया. सांसद ने ग्रामीणों से कहा कि वे किसी भी कीमत पर घर-घर पाइप-लाइन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने के लिये दृढ़ संकल्पित है. उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करने वालों में संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के अध्यक्ष छोट राय मुर्मू, कृष्णा चंद पात्रों, प्रभा हादसा, ऋतु सिंह, रुपेश शर्मा, मिशन मोदी अगेन पीएम के मंडल अध्यक्ष सपन कुमार दास, संतोष जायसवाल, दिनेश वाकडे, सोनी देवी, वर्षा शर्मा, चन्द्रकान्ता देवी, सुनिता देवी, सन्तोष शर्मा, कमला शर्मा एवं अन्य लोग शामिल थे.
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