Adityapur : पूरे विश्व में जल संकट गहराता जा रहा है. कई नामी शहरों के भूगर्भ जल स्रोत सूख गए हैं. नेशनल इंस्टीच्यूशन फ़ॉर ट्रांसफॉर्मेशन इंडिया द्वारा प्रकाशित कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स नामक रिपोर्ट में देश के 21 शहरों का नाम है. दुर्भाग्य से इस सूची में जमशेदपुर शहर भी शामिल है. रिपोर्ट में झारखंड राज्य को जल संरक्षण के मामले में 100 में से महज 35 अंक दिया गया है और यह सबसे निचले पायदान पर है. यह रिपोर्ट गंभीर है. उक्त बातें विश्व जल दिवस पर आदित्यपुर में गहराते जल संकट पर एक परिचर्चा के आयोजन में पर्यावरणविद व भूगर्भशास्त्री अमरेश कुमार ने कही. परिचर्चा आज रेलवे कॉलोनी स्थित शिव मंदिर प्रांगण में हुई.
इसे भी पढ़ें : चाकुलिया : मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए 12 मरीजों को संजीव नेत्रालय भेजा गया
बढ़ती आबादी को पाइप लाइन जलापूर्ति से नहीं जोड़ना समस्यार की वजह
युवा भूगर्भ शास्त्री ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक जमशेदपुर शहर का भूगर्भ जल स्रोत ड्राई हो जाएगा. सारे बोरिंग, चापाकल सूख जाएंगे. उन्हों ने कहा कि आदित्यपुर में जल संकट का मुख्य कारण 70 फीसदी आबादी का भूगर्भ जल पर आश्रित होना है. जलापूर्ति का एक मात्र स्रोत सीतारामपुर डैम का रखरखाव नहीं होना और बढ़ती आबादी को पाइप लाइन जलापूर्ति से नहीं जोड़ना भी बड़ी वजह है.
इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर : तेज रफ्तार स्कूटी डिवाइडर से टकराई, स्कूटी सवार दोनों युवक घायल
जल संरक्षण के अत्याधुनिक तकनीक अपनाने होंगे
उन्होंकने कहा कि भूगर्भ जल तभी सुरक्षित रहेगा जब हम रेन वाटर हार्वेस्टिंग कर जमीन के अंदर पानी डालना सुनिश्चित करेंगे. भूजल के गिरते स्तर पर चिंता प्रकट करते हुए कहा डॉ. कुणाल ने कहा कि आदित्यपुर के सारे तालाब भर दिए गए, मुहल्ले के डोभा को भर दिया गया, पक्की सड़कें बन जाने से वर्षा जल नदियों के माध्यम से बहकर बेकार हो जाता है. इसलिए जरूरत इस बात की है कि हमें जल संरक्षण के अत्याधुनिक तकनीक अपनाने होंगे, तभी धरती पर रहने वाले जीवों की रक्षा हो सकेगी. भूगर्भ जल संरक्षित किये बगैर हम मानव जीवन की रक्षा नहीं कर पाएंगे. सरकार एवं नीति निर्धारकों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
Leave a Reply