Dhanbad : एक बार फिर निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं अभिवंचित समूह के बच्चों के नामांकन का मामला विवादों में आ गया है. आरटीई एक्ट 2009 के तहत टाटा डीएवी स्कूल जामाडोबा में प्रवेश कक्षा की 25 फीसदी सीटों पर दाखिले को लेकर चयन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. सोमवार 11 अप्रैल को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में हंगामा खड़ा कर दिया. जिला शिक्षा अधीक्षक से इस मुद्दे पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह एवं शमशेर आलम सहित अन्य लोगों की तीखी बहस हो गई.
जिला शिक्षा अधीक्षक के आश्वासन पर शांत हुए
हालांकि बाद में जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा एफिडेविट पर चयन प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ. दरअसल डीएवी स्कूल जामाडोबा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं अभिवंचित समूह के बच्चों के नामांकन में धांधली को लेकर कांग्रेस नेता डीएसई कार्यालय पहुंचे थे. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने बताया कि 4 चरणों में जांच करने के बाद भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन के लिए चयन नहीं किया गया. बार-बार कुछ लोगों द्वारा नामांकन को रोक दिया जाता है. निश्चित रूप से मामला संगीन है. कुछ लोग दलाली कर रहे हैं. यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
चयनित बच्चों के अभिभावकों से लिया एफिडेविट
जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अभिभावक संघ के मनोज कुमार मिश्रा और सांसद प्रतिनिधि एवं दो पूर्व पार्षद के साथ जाकर स्वयं स्क्रुटनी कर बच्चों का नाम चयनित किया था. बावजूद अभिभावक संघ के सदस्य, कुछ सांसद के प्रतिनिधि एवं महिलाओं ने आवेदन देकर चयनित बच्चों के घर से स्कूल तक की दूरी को एक किलोमीटर से अधिक बताते हुए जांच की मांग की है. इस मामले में चयनित बच्चों के अभिभावकों से एफिडेविट ले लिया गया है. नियम के अनुसार वार्ड से विद्यालय तक की दूरी एक किलोमीटर होने से नामांकन लिया जा सकता है. प्राचार्य को नामांकन लेने का निर्देश डीएसई ने दे दिया है. बताते चलें कि टाटा डीएवी स्कूल जामाडोबा में सभी चयनित 27 अभ्यर्थी अल्पसंख्यक कोटा से हैं.
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