Ranchi: रांची महानगर श्री महावीर मंडल ने धूमधाम से रामनवमी की शोभायात्रा निकाली. ऐतिहासिक शोभायात्रा का नेतृत्व मंडल अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने किया. यह शोभायात्रा चर्च रोड से संकटमोचन मंदिर (मेन रोड) अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए तपोवन मंदिर तक पहुंची. इस शोभायात्रा में मुख्य आकर्षण कर्नाटक से आये 10 फीट ऊंचे हनुमान की प्रतिमा थी. जिसे राजधानीवासियों ने करीब से देखा.
विशाल शोभायात्रा में छउ नृत्य के लिए ईचागढ़ से 65 लोगों की टीम आयी थी. धनबाद से विक्की छाबडा की भजन मंडली और कुजू की तासा पार्टी शोभायात्रा में शामिल हुई. कोलकाता की टीम ने झांकी प्रस्तुत की. भक्तों के लिए महावीर मंडल ने चना, गुड़ और ठंडे पेयजल की व्यवस्था की थी. बेहतर व्यवस्था से रामभक्त काफी उत्साहित थे. उन्होंने मंडल की काफी प्रशंसा की. शोभायात्रा में सनराइज ग्रुप ने बडी गाडियों पर एलईडी स्क्रीन लगाये थे. इस दौरान रिकॉर्ड 111 झंडे निकाले गये. जितने भी स्वागत शिविर लगे थे, सभी को मंडल के पदाधिकारियों ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
महावीर मंडल द्वारा संकटमोचन मंदिर के पास मंच बनाया गया था. इस पर सांसद संजय सेठ, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद समीर उरांव, सीपी सिंह, नवीन जयसवाल, उप महापौर संजीव विजयवर्गीय और सुबोधकांत सहाय पहुंचे. इसके के अलावा शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद थे. सभी ने रामभक्तों का उत्साह बढ़ाया. मंडल के अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने शोभायात्रा के सफल संचालन में सहयोग देने के लिए रांची जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से राजधानी में शांतिपूर्ण ढंग से शोभायात्रा का कार्यक्रम संपन्न हो गया. कुणाल अजमानी ने कहा कि यह देश राम का है. राम सबके हैं. सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में श्रीराम विराजमान हैं. राम नाम से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए. राम त्याग, तपस्या और मर्यादा के प्रतीक हैं.
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शोभायात्रा का संचालन मंडल के संयोजक डॉ दिलीप सोनी, संरक्षक शेखर शरण और बजरंग वर्मा ने किया. शोभायात्रा के सफल संचालन में मंडल के कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के अलावा रविन्द्र वर्मा, बजरंग वर्मा, रमेश बाली, शंभू प्रसाद सोनी, संजय कुमार, रवि प्रकाश टुन्ना, रोहित अग्रवाल और ललित चौधरी का प्रमुख योगदान रहा. इसके अलावा रोहित शारदा, नवजोत अलंग, मुकेश काबरा, अजय बथवाल, अमरनाथ वर्मा, राजेष्वर राजन, अमरेंद्र कुमार सिन्हा, महेश प्रसाद सोनी, संतोश सिन्हा और बादल सिंह का योगदान रहा.
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