Chaibasa : सप्ताह में एक दिन लगने वाला मंगलाहाट बाजार कचरे के ढ़ेर के बीच स्थित है. जहां पर पूरे जिले के लोग मंगलवार को खरीददारी करने के लिये चाईबासा आते हैं. लेकिन मंगलाहाट की बीच के जगह पर इतना कचरा रहता है कि विक्रेताओं को स्वयं ही जगह को साफ कर अपने समान को रख कर बिक्री करना पडता है. इसमें सबसे खराब स्थिति तो छोटे पशु बाजार अर्थात बकरी, खस्सी, भेड़ की है. यहां पर क्रेता और विक्रेता दोनों ही कचरे के ढ़ेर पर खड़े हो कर अपने पशुओं की खरीद-बिक्री करते है. उसी कचरे पर होकर खरीददार व विक्रेता दोनों ही बाजार आते हैं. मालूम हो कि बाजार समिति के सामने मंगलाहाट बाजार लगता है. हालांकि, बाजार समिति के सामने कचरा नही है पर गंदगी ज्यादा है.
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मंगलाहाट बाजार के लिये होती है निविदा : विक्रेता
गांव से आने वाले विक्रेता बताते हैं कि गंदगी के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है. लेकिन मजबुरी में खरीददारी के लिये उन्हें यहां तक आना पडता है. नगर पंचायत द्वारा एक निश्चित समयावधि के लिये मंगलाहाट के रख-रखाव की निविदा निकाली जाती है. इसमें बाजार में मूलभूत सुविधा देना आदि शमिल है. लेकिन स्थिति यह है कि ठेकेदार द्वारा टैक्स वसूल तो लिया जाता है पर कचरा उठाव पर किसी का ध्यान नही जाता है.
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