Ranchi: रामनवमी के दिन लोहरदगा में हुई हिंसा को स्लीपर सेल ने अंजाम दिया है. पुलिस की अबतक के हुए इन्वेस्टिगेशन में इसकी संभावना जताई जा रही है. लोहरदगा के एसडीओ अरविंद कुमार लाल ने Lagatar.in से बातचीत में कहा कि ऐसी संभावना है कि यह काम आतंकियों के स्लीपर सेल का ही है. एसडीओ ने कहा कि स्लीपर सेल के सदस्य किसी संगठन विशेष के संपर्क में रहते हैं और संगठन के निर्देश पर अंजाम देते हैं. लोहरदगा जिले में स्लीपर सेल की गतिविधियां पिछले दो साल से चल रही है.
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प्रशासन को जानकारी मिली थी कि फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन के नाम पर आतंकी फंडिंग की जा रही थी. एसडीओ ने कहा कि रामनवमी शोभायात्रा के दिन शहर के दुपट्टा चौक से कुटूम-ढोड्हा टोली पथ पर स्लीपर सेल के सदस्य किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाहते थे. इसकी भनक समय रहते प्रशासन को मिल गई. इसके बाद पूरे क्षेत्र में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया. स्लीपर सेल के सदस्य ऑटो से उस क्षेत्र में घूम रहे थे. इसकी जानकारी प्रशासन को मिली. तत्काल प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसकी भनक लगने पर वे निकल गए, जिस कारण स्लीपर सेल के सदस्यों के बारे में प्रशासन को पूरी जानकारी नहीं मिल पाई.
इसी बीच जब स्लीपर सेल के सदस्यों को यहां किसी घटना को अंजाम देने में कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने हिरही में इस घटना को अंजाम दे दिया. एसडीओ ने कहा कि पूरे मामले में दो-तीन बातें काफी महत्वपूर्ण हैं. पहली तो यह कि हिरही गांव में पथराव की घटना के बाद स्थिति सामान्य हो गई थी, लेकिन दोबारा कुछ लोगों द्वारा लोगों को उकसा कर हमला कराया गया. दूसरी बात यह है कि जब दो पक्षों के बीच विवाद हो रहा था, उसी बीच भोक्ता बगीचा मेला में आग लगा दी गयी. मेले में आग लगाने की घटना किसी दूसरे ही गुट ने अंजाम दिया है. यह लग रहा है कि इस घटना को स्लीपर सेल के सदस्यों ने अंजाम दिया है.
बताया जा रहा है कि लोहरदगा में जनवरी 2020 को हिंसा की घटना के बाद यहां की संवेदनशीलता को भांफते हुए राष्ट्र विरोधी ताकतों की ओर से स्लीपर सेल को एक्टिव किया गया था. यहां अब भी स्लीपर सेल के कई सदस्य समाज के बीच में रहते हैं और मौका पाकर घटना को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन इस मामले में बहुत करीब तक पहुंच चुका है.