Ahmedabad : पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार राष्ट्रसेवा के 8 साल पूरे कर रही है. सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हमने देश के विकास को नयी गति दी है. हमारी सरकार सुविधाओं को शत प्रतिशत नागरिकों तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है. जब हर नागरिक तक सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य होता है तो भेदभाव भी खत्म होता है, भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं होती.
PM Shri @narendramodi addresses public meeting in Atkot, Gujarat. #DoubleEngineInGujarat
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Gujarat | Prime Minister Narendra Modi inaugurates the newly built Matushri KDP Multispeciality Hospital in Atkot, Rajkot. pic.twitter.com/M92aXgpDWF
— ANI (@ANI) May 28, 2022
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पीएम मोदी राजकोट में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट के अटकोट में नवनिर्मित मातुश्री केडीपी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल उद्घाटन कर किया. बता दें कि अस्पताल 40 करोड़ की लागत से बना है.
तीन करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर दिये गये हैं.
जनसभा में पीएम मोदी कहा कि 26 मई को एनडीए सरकार ने अपने 8 साल पूरे किये हैं. इस दौरान हमारी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे जनता को सिर झुकाना पड़े. सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने 6 करोड़ परिवारों को नल से जल दिया है. गरीबों की गरिमा सुनिश्चित की है. तीन करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर दिये गये हैं. किसानों के खाते में सीधे पैसे डाले गये हैं.
कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान जब इलाज की जरूरत बढ़ी तो हमने टेस्टिंग तेज कर दी. जब वैक्सीन की जरूरत आयी, तो हमने इसे फ्री में उपलब्ध कराया. जनता से कहा कि आपने मुझे जो संस्कार और शिक्षा दी, समाज के लिए जीने की बातें सिखाई, उसकी की बदौलत मैंने मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी.
हम हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते हैं
पीएम ने कहा कि 2001 से पहले यहां केवल 9 मेडिकल कॉलेज में सिर्फ 1100 सीटें थीं. आज आपको यह जानकर खुशी होगी कि अब यहां कुल 30 निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं और 8 हजार सीटें हैं. कहा कि हम हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते हैं. पीएम ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर बनें. लेकिन सबसे पहले एक बात पूछी जाती है कि क्या आप अंग्रेजी जानते हैं, यह अन्याय है. फिर हमने नियम बदल दिये और अब गुजराती शिक्षा पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग और मेडिकल पूरी कर सकते हैं.
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