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Kharsawan : पवित्र देवस्नान पूर्णिमा पर खरसावां के विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में मंगलवार को महाप्रभु जगन्नाथ को महास्नान कराया गया. खरसावां के राजवाड़ी स्थित जगन्नाथ मंदिर में पुजारी व पुरोहितों द्वारा स्नान यात्रा पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं को मंदिर से बाहर निकाल कर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की. साथ ही हवन पूजन किया गया. महास्नान के पश्चात तीनों प्रतिमाओं को मंदिर के अंदर ले जाकर रखा गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे.
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हरिभंजा में 108 कलश पानी से जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन ने किया स्नान
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हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को मंदिरकेरत्न सिंहासन से सभी स्नानमंडप तकलाया गया. इसके पश्चात महास्नान के सभी रश्मों को निभाया गया. मौके पर प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा का 108 कलश पानी से महास्नान कराया. प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बडे भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया. इसके अलावे अगुरु, चंदन, गाय का घी, दुघ, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया.
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29 को नेत्र उत्सव पर भक्तों को दर्शन देंगे प्रभु जगन्नाथ
परंपरा के अनुसार अत्याधिक स्नान कर भगवान बीमार हो गये है तथा उपचार हेतु उन्हें मंदिर के अणसर गृह में रखा गया है. अब 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभदा का अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी देकर उपचार किया जायेगा. इन 15 दिनों में किसी को भी प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन नहीं होंगे. रथ यात्रा के दो दिन पूर्व 29 जून को नेत्र उत्सव पर प्रभु नये रंग-रुप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. इसके पश्चात पहली जुलाई तो वार्षिक रथ यात्रा है.
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