Seraikela : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में रविवार को सरायकेला के मंडल कारा में जेल अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर 23 मामलों पर विचार किया गया. इसमें 4 मामलों का निष्पादन हुआ और छह अभियुक्तों को बरी किया गया. निष्पादित मामलों में दो मामले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और दो मामले अमित आकाश सिन्हा न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से निष्पादित किए गए. कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंजू कुमारी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सुशील पिंगुआ, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमित अकाश सिन्हा, सहायक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह, स्थानीय कारागार के अधीक्षक हिमानी प्रिया, न्यायालय के कर्मी, कारागार के कर्मी और सुधार गृह के तमाम बंदी उपस्थित थे.
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सभी बंदियों को सुधार गृह में आत्ममंथन करने की जरूरत : कुमार क्रांति प्रसाद
मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार क्रांति प्रसाद ने कहा कि सभी बंदियों को सुधार गृह में आत्ममंथन करने की जरूरत है. कोई इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता. उसके अंदर का गुण या अवगुण उसकी अच्छाई और बुराई को बताता है. सचिव ने दंड प्रक्रिया संगीता की धारा 436 ए, प्ली बारगेनिंग और अन्य कानूनों के बारे में भी जानकारी दी. इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा विधिक सेवाओं के बारे में भी जानकारी दिया गया. बताया गया की अगर कोई कैदी जो गरीब है, महिला है, अनुसूचित जाति अथवा जनजाति के लोग अपने मुकदमे लड़ने के लिए बिल्कुल निःशुल्क वकील और अन्य विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं.