Kiriburu (Shailesh Singh): सोसाइटी फॉर रिफॉमेशन एंड एडभांसमेंट ऑफ आदिवासीज (आसरा), चाईबासा संगठन ने सारंडा के बहदा, तितलीघाट, आदि गांवों के ग्रामीणों को जागरूक करते हुए बताया कि झारखंड सरकार राज्य के आम नागरिकों के आर्थिक विकास और कल्याण के अनेकों योजनाएं चला रही है. इसके वाबजूद ग्रामीण इलाकों में कई प्रकार के आर्थिक एवं सामाजिक समस्या जैसे बेरोजगारी, पलायन, बाल व्यापार, कुपोषण, अंधविश्वास (डायन-प्रथा), नशापान की लत, हड़िया का बाजारीकरण, परिवारिक एवं सामाजिक अपराधों में वृद्धि आज भी काफी व्याप्त है. साथ ही कभी-कभी राजनीति से प्रेरित भ्रामक दुष्प्रचार की घटनाऐं भी उभरती रहती है और समाज में अशांति एवं भय का वातावरण बनता है. इसका ताजा उदाहरण हाल में “कोल्हान गवर्नमेन्ट स्टेट” समर्थक समूह ने आम जनता विशेष कर युवाओं को भ्रमित करने एवं मुफ्फसिल थाना का जबरदस्ती घेराव कर अशांति पैदा करने का प्रयास करना था. इस तरह की घटनाओं से सरकार के विकास और कल्याणकारी योजनाऐं भी प्रभावित होती है.
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दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं दे
आसरा के सदस्यों ने ग्रामीणों से अपील किया की वह कोल्हान गवर्नमेंट स्टेट के समर्थकों द्वारा हाल में जो दुष्प्रचार फैलाया गया था, जैसे कोल्हान का भारत में विलय नहीं हुआ है .चर्चा में जानकारों ने यह स्पष्ट किया कि कोल्हान गवर्नमेन्ट स्टेट कानून भारत के आजाद होने के साथ ही स्वतः समाप्त हो गया था. कोल्हान के सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर अपना स्वार्थ पूर्ण करने की साजिश मात्र है. आसरा ने कहा कि ग्रामीणों में भारत एवं राज्य सरकारों द्वारा संचालित विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी का अभाव है. फलस्वरूप वे इसका सही लाभ नहीं ले पा रहे है. इस कमी को दूर करने हेतू सरकार की सभी योजनाओं का प्रखंड, पंचायत एवं गांव स्तर पर सघन रूप से प्रचार-प्रसार होना चाहिए.
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प्रशासन व जनता के बीच कोई दूरी नहीं होनी चाहिए
ग्रामीण भी सरकार की लाभकारी योजनाओं की जानकारी मनोहरपुर प्रखण्ड के पंचायत एवं प्रखण्ड स्तर के अधिकारियों से फोन या व्हाटसप पर अपनी समस्याओं के समाधान हेतू संपर्क कर के कर सकते है. जिला के वरीय पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे हमेशा जनता की समस्याओं का संज्ञान एवं समाधान के लिए उपलब्ध है और प्रशासन एवं जनता के बीच कोई दूरी नहीं होना चाहिए. कोल्हान क्षेत्र में अनेको सामाजिक बुराईयां जैसे नशे की लत, सड़क दुर्घटना, भूत-प्रेत एवं डायन का अंधविश्वास, हड़िया का बाजारीकरण, कम उम्र में विवाह, बाल व्यापार अभी भी काफी व्याप्त है. इन सब कारणों से सैकड़ो परिवार बर्बाद होते हैं, विकास का काम भी प्रभावित होता है और समाज की छवि भी खराब होती है.
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कुपोषण पर चिंता व्यक्त की गई
अतः समाज के सभी वर्गों के लोगों को इन सामाजिक बुराईयों को नियंत्रित करने के लिए ग्राम सभा एवं पंचायत स्तर पर जागरुकता फैलाने एवं सामुदायिक पहल करने की अति आवश्यकता है. इस प्रयास में जिला प्रशासन ने भी पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है. कोल्हान क्षेत्र के महिला एवं बच्चों में व्याप्त अति कुपोषणता पर भी चर्चा एवं चिंता व्यक्त किया गया. इस समस्या से लड़ने के लिए गाँव एवं परिवार स्तर में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. अंत में इस बात को भी स्वीकार किया गया कि प्रशासन, जनता, स्वंयसेवी संस्थाओं और बुद्धिजीवियों के बीच संवाद एवं जन जागरूकता कार्यक्रम को निरंतर चलाने की आवश्यकता है. ग्रामीणों से उक्त अपील आसरा के सचिव शिवकर पुरती, मोहन हंसदा, अनुज सुरीन आदि द्वारा किया जा रहा है.
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