Nirsa : धनबाद (Dhanbad) जिले के निरसा में हाइवा के धक्के से मृत युवक के आश्रितों को 6 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने 4 जुलाई की देर रात आंदोलन समाप्त कर दिया. शव इसके साथ ही मैथन थर्मल पावर में कोयला और छाई की ट्रांसपोर्टिंग करीब 40 घंटे बाद शुरू हो गई. सोमवार देर रात तक चली वार्ता में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, मैथन थर्मल पावर प्रबंधन के अधिकारी और ट्रांसपोर्टर्स शामिल थे. सहमति बनने के बाद परिजन व ग्रामीण शव उठाने को तैयार हुए. ट्रांसपोर्टिंंग ठप रहने से एमपीएल लिंक रोड से लेकर एनएच 2 तक हाइवा की लंबी कतार लग गई थी.
उल्लेखनीय है कि निरसा में एनएच-2 पर लखीमाता कोलियरी कार्यालय गेट के समीप रविवार की सुबह तेज रफ्तार हाइवा की चपेट में आकर बाइक सवार विद्यासागर कॉलोनी निवासी अवधेश शर्मा की मौत गई थी. बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति घायल हो गया था, जिसका इलाज धनबाद के पीएमसीएच में चल रहा है. हाइवा एमपीएल में कोयला गिराने के बाद लौट रहा था. घटना के विरोध में ग्रामीणों ने एमपीएल में ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी और मुआवजा की मांग को लेकर खुदिया फाटक के समीप शव को रखकर धरना शुरू कर दिया. आंदोलन का नेतृत्व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी कर रहे थे. ग्रामीण मृतक के आश्रित को 7.5 लाख रुपए मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे. करीब 40 घंटे चली मैराथन बैठक में आखिरकार 6 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी. वार्ता में अरूप चटर्जी के अलावा, लालू ओझा, पतंजलि योग समिति के मनजीत सिंह, जीप सदस्य संजय सिंह व कई ट्रांसपोर्ट कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे.
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