New Delhi : घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर पहले सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर मई महीने में रोक लगा दी थी. अब आम आदमी के थाली की रोटी भी महंगी होती जा रही है. रोटी पर भी महंगाई की मार पड़ रही है. तो सरकार आटा के एक्सपोर्ट पर नकेल कसने जा रही है. खुदरा बाजार में आटा महंगा होता जा रहा है. बीते एक साल में आटा करीब 13 से 15 फीसदी महंगा हो चुका है. सरकार ने आटा के निर्यात को लेकर नई गाइडलाइंस लाने जा रही है, जिसके बाद आटा निर्यात करने के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी से मंजूरी की दरकार होगी. नई गाइडलाइंस 12 जुलाई, 2022 से लागू होने जा रही है.
मैदा, सामोलिना पर भी पड़ेगा असर
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि गेहूं के एक्सपोर्ट पर बनाई गई इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी की मंजूरी के बाद ही आटा एक्सपोर्ट करने की इजाजत दी जाएगी. डीजीएफटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक नई गाइडलाइंस आटा, मैदा, सामोलिना (रावा/सिरगी) होलमील आटा, रीजलटेंट आटा पर भी लागू होगा. डीजीएफसी के मुताबिक गेहूं के आटा की क्वालिटी को लेकर अलग से नियम जारी किए जायेंगे.
गेहूं के निर्यात पर पहले ही लग चुका है बैन
इससे पहले भारत सरकार ने गेहूं के उत्पादन में गिरावट और घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने के बाद देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद गेहूं के दाम में आग लग गई थी. घरेलू बाजार में गेहूं के बढ़ते दाम पर नियत्रंण लगाने के लिए भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था.
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