Chandil (Dilip Kumar): विस्थापित मुक्ति वाहिनी के श्यामल मार्डी और बासुदेव आदित्यदेव ने संयुक्त बयान जारी कर सुबर्णरेखा परियोजना प्रशासन के द्वारा सुकसारी एवं गांगुडीह पुनर्वास स्थल का सीमांकन प्रारंभ किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि विमुवा लंबे समय से यह मांग कर रही थी कि सभी पुनर्वास स्थलों का सीमांकन किया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों के साथ कोई विवाद न हो. साथ ही यह मांग भी की है कि अन्य पुनर्वास स्थलों का भी जल्द से जल्द सीमांकन किया जाए तथा प्रतीक चिन्ह भी लगाए जाए.
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आवासीय भूखंड का मालिकाना हक राजस्व अभिलेख में दर्ज हो
विमुवा का यह भी मांग है कि पुनर्वास स्थलों पर रहने वाले सभी विस्थापितों के आवासीय भूखंड का मालिकाना हक राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जाए, क्योंकि इसके बिना विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र बनाने में विस्थापितों को असुविधा हो रही है. विमुवा प्रतिनिधियों ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि छोटी-छोटी मांगों के लिये भी विस्थापितों को लंबे समय तक आंदोलन करना पड़ता है. यह सरकार एवं प्रशासन की संवेदनहीनता का परिचायक है. विमुवा की मांग है कि सभी विस्थापित परिवारों को एकमुश्त कृतज्ञता पैकज दिया जाए.
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