Seraikela(Bhagya sagar singh) : इन दिनों कुछ वाहन चालक अपने वाहनों व बाइक में प्रेशर हॉर्न और तीखी रोशनी वाली हेड लाइट का उपयोग कर सड़क सुरक्षा नियमों को दे रहे हैं. रात के समय तेज एलईडी बल्ब लगे हेड लाइट की तीखी रोशनी आंखों को चौंधिया देती है, जिससे सामने का कुछ नजर नहीं आता. नियमतः रात के समय आमने-सामने वाहन हो जाने पर डिपर उपयोग करने का नियम है. उसका उपयोग तो दूर डिपर के स्थान पर एल ईडी की तेज रोशनी यातायात नियम सहित आंखों के लिये भी हानिकारक साबित हो रही है. उसी तर्ज पर प्रेशर हॉर्न के शिकार अधिकतर बाइक सवार हो रहे हैं. अचानक अपने पीछे तेज कर्कश आवाज सुन कर उनके हाथ हैंडल से छूट जाते हैं या अनियंत्रित होकर गिर पड़ते हैं. कुछ लोगों का मनोरंजन और शौक अनेकों के लिये मुसीबत बन रही है.
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मात्र हेलमेट चेकिंग तक सिमट कर रह गया है यातायात नियम
बाइक चलाते समय हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने वालों पर विधिसंगत कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए. लेकिन हेलमेट चेकिंग अभियान से ही सड़क सुरक्षा पर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकता है. छोटे-छोटे वाहनों पर बोरियों की तरह ऊपर-नीचे लद कर व लटक कर सफर करने वालों, असुरक्षित तरीके से ओवरलोड लेकर सड़क पर चलते वाहन जैसे अन्य अनियमितताओं पर भी विभाग को रोक लगानी चाहिये, ताकि सही मायने में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.
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