Chandil ( Dilip Kumar) : झारखंड ग्रामीण बैंक चांडिल शाखा के प्रबंधक और कर्मचारियों के खिलाफ मंगलवार को केसीसी ऋण धारकों ने नीमडीह के बीडीओ शंकराचार्य सामड को शिकायत पत्र सौंपा. शिकायत पत्र में नीमडीह प्रखंड के बाड़ेदा, सामानपुर व चालियामा पंचायत के 34 केसीसी ऋण धारकों ने आरोप लगाया है कि सरकार की ओर से किसानों को केसीसी ऋण सुविधा उपलब्ध कराया गया है. लेकिन गरीबी के कारण अधिकांश किसान ऋण नहीं चुका पा रहे थे. ऐसे में झारखंड सरकार ने 50 हजार रुपये तक का ऋण माफ कर दिया. वहीं, बैंक प्रबंधक ने किसानों को बैंक बुलाकर पुराने ऋण को बंद कर दिया और नया खाता खोल दिया. लेकिन नया केसीसी ऋण कितना स्वीकृत किया गया इसकी जानकारी ऋण धारकों को नहीं दी गई.
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ऋण की राशि माफ किए जाने के ऐवज में लाभुकों से लिए गए पैसे
उन्होंने बताया कि ऋण धारकों से पैसे निकासी के लिए फॉर्म भराया गया व 15 हजार, 20 हजार व 30 हजार रुपये राशि की निकासी कराई गई. साथ ही पूर्व के ऋण की राशि माफ किए जाने के ऐवज में ऋण धारकों से तीन से पांच हजार रुपये लिए गए और बगैर भरे हुए निकासी व जमा पर्ची पर ऋण धारकों से हस्ताक्षर कराते हुए प्रबंधक ने अपने पास रख लिया. बाद में लाभुकों के मोबाइल पर एक साल में 30 से 70 हजार रुपये तक ऋण राशि होने का मैसेज आने लगा.
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लाभुकों को नहीं दिया गया है केसीसी पासबुक या कार्ड
लाभुकों ने बताया कि जब उन्होंने बैंक जाकर प्रबंधक से स्टेटमेंट्स का मांग की तो बैंक प्रबंधक ने किसी भी लाभुक को स्टेटमैंट नहीं दिया. साथ ही बैंक कर्मियों द्वारा ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया. यहां तक की अभी तक किसी भी लाभुकों को केसीसी पासबुक या कार्ड नहीं दिया गया है. विदित हो कि पत्र में लिखा गया है कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए इस विषय की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए. अन्यथा किसान आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. पत्र में मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम प्रधान आदि जनप्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी है.
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