Hazaribag : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में मंगलवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया. स्नातकोत्तर बायोटेक विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रिंसिपल बायोइनफॉर्मेटिक्स साइंटिस्ट, वाल्थम, अमेरिका में कार्यरत चतरा निवासी डॉ. शंकराचार्य ने एएलएस जीन डिस्कवरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. डॉक्टर शंकराचार्य ने पीपीटी के माध्यम से इस बीमारी के जन्म होने के कारण, इसके कुप्रभाव तथा इससे बचाव के तरीके के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस बीमारी का एक प्रमुख कारण जेनेटिक फैक्टर है. उन्होंने इससे प्रभावित होने वाले जीन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.
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अमेरिका में ज्ञान की ज्योति जला रहे डॉ. शंकराचार्य
डॉ. शंकराचार्य ने कहा कि यह एक रेयर बीमारी है, जिससे प्रभावित होकर अमेरिका में प्रतिवर्ष 6000 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में डॉ केके गुप्ता ने विषय से जुड़े कई सवाल पूछे. विषय प्रवेश व स्वागत संबोधन डॉक्टर आरएन सिन्हा ने किया. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रॉक्टर डॉ मिथिलेश ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि एक शंकराचार्य का रथ दक्षिण से चलकर बिहार में रुका था और एक दूसरे शंकराचार्य चतरा से निकलकर अमेरिका में सेवा के रथ पर सवार होकर ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं. डॉ मिथिलेश ने कहा कि चतरा जिले के लिए गर्व की बात है कि यहां से एक व्यक्ति निकल कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर रहा है.
ये रहे मौजूद
मौके पर डॉक्टर एमके सिंह, डॉ इंद्रजीत कुमार ,चतरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामानंद पांडे, डॉ एसएस सुमन डॉक्टर एम आलम, डॉ आशीष कुमार साह, डॉ प्रणिता, डॉ मनीष दयाल, डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता, डॉ विनोद रंजन, डॉक्टर राजूराम, डॉ केदार सिंह, डॉक्टर सुरेश जैन, डॉक्टर श्याम देव सिंह, डॉक्टर अविनाश, डॉ सुनील दुबे, अन्नदा कॉलेज से आए डॉ जेपी सान्याल, प्रेरणा शर्मा, आल्विन बाखला समेत विभिन्न संकाय के विद्यार्थी उपस्थित थे. यह जानकारी विभावि के पीआरओ डॉक्टर प्रमोद कुमार ने दी.
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