Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से विदेशी निवेश वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों से छोटे व्यापारियों के कारोबार को बचाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कारण प्रमुख रूप से मोबाइल व्यवसाय की 1.5 लाख से अधिक छोटी दुकानें बंद हो गई हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है. दुख की बात है कि उनके व्यावसायिक आचरण को रोकने के लिए कोई प्रभावी तंत्र नहीं है. देश में कानून की प्रक्रिया इतनी धीमी है, जो स्वदेशी रिटेल व्यापार के साथ न्याय करने में विफल रही है. छोटे व्यापारियों और खुदरा व्यापार को लोकतांत्रिक तरीके से काम करना है, तो सभी कार्यक्षेत्रों के लिए एक व्यापक नीति और सभी चार कार्यक्षेत्रों पर व्यापार गतिविधियों की निगरानी के लिए एक नियामक प्राधिकरण की तत्काल आवश्यकता है.
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वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को एक सुरक्षित मार्ग दिए जाने से व्यापारियों में भारी मायूसी है. अगर बड़ी कंपनियां कानून और नियमों का सम्मान नहीं करती हैं तो छोटे व्यापारियों पर छोटी गलतियों पर भी गाज क्यों गिरती है. यह बड़ा सवाल है. खंडेलवाल और सोन्थालिया ने कहा कि यदि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो देश के व्यापारी विदेशी निवेश वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़ी कंपनियों के हाथों भारतीय व्यापार को खो देंगे. खुदरा व्यापार पहले से ही कई बाधाओं का सामना कर रहा है. केंद्र या राज्य सरकारों से कोई समर्थन नहीं होने के बावजूद भी अपने आप खड़े होने की कोशिश कर रहा है. हम यह सोचने को मजबूर हैं कि नीति निर्माताओं की नजर में देश के 8 करोड़ व्यापारियों का कोई महत्व नहीं है.
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