Ranchi: आदिवासी-सरना धर्म कोड को लेकर 11 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महाधरना दिया जायेगा. इसमें देश के कोने- कोने से सभी राज्यों से सरना धर्मावलंबी शामिल होंगे. दूसरे दिन 12 नवम्बर को दिल्ली में प्रतिनिधि सभा का भी आयोजन होगा. यह निर्णय रविवार को राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान की बैठक में हुई. बैठक में कहा गया कि 11 नवंबर 2020 को धर्म कोड प्रस्ताव झारखंड विधानसभा से पारित हुआ था. इसलिए इस दिन को धर्म कोड दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.
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प्रचलित परंपरा आदिवासी समाज के हित में
बैठक में पैतृक संपत्ति उत्तराधिकार एवं गैर जनजाति से जनजाति महिला का विवाह पर विचार किया गया. साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा और अन्य लाभ के संबंध में भी गहन विचार किया गया. निर्णय लिया गया कि जो समाज में प्रचलित परंपरा है वही आदिवासी समाज के हित में है. मुखिया, विधायक एवं सांसद इत्यादि पद पर उक्त श्रेणी की महिलाओं को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने से वंचित किया जाए. इसको लेकर एक मांग पत्र राज्य सरकार और राज्यपाल को सौंपा जाएगा. बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर एक छमाही पत्रिका का प्रकाशन करने का निर्णय लिया गया. इसमें समाज के व्यवहृत परंपरा, रीति-रिवाज, धर्म-कर्म और समस्त समाज के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विशिष्टता से संबंधित आलेखों का प्रकाशन होगा.
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ये रहे मौजूद
बैठक की अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ. करमा उरांव ने किया. बेठक में सोमा मुंडा, सुकरा तिर्की, माधो कच्छप, रवि तिग्गा, नारायण उरांव, महादेव टोप्पो, बलकू उरांव, अमृता मुंडा, सुको उरांव, अनीता टोप्पो, बुधुवा उरांव, बहुरा उरांव, पोतो तिर्की, सामेल टोप्पो, धर्मू उरांव, भूनू तिर्की, देव सहाय मुंडा, सुधीर उरांव, परिबा तिर्की मौजूद रहे.