Ranchi: सोनाहातू थाना क्षेत्र में डायन बिसाही का आरोप लगाकर तीन महिलाओं की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. एसएसपी कौशल किशोर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बुंडू एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया था. पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए हत्या में शामिल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में अभिमन्यू सिंह मुंडा, ललित सिंह मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, बिरहर सिंह मुंडा, पुईता सिंह मुंडा, मुचिराम मुंडा, दिनेश सिंह मुंडा, नंदकिशोर उर्फ चिकन सिंह मुंडा, नमी मुंडा, सहदेव सिंह मुंडा, सुखराम सिंह मुंडा, बबलू मुंडा, जनमंजय लोहरा और संतोष सिंह मुंडा शामिल हैं.
बेटे को मां पर था शक
जानकारी के मुताबिक, मारी गई महिलाओं में एक के बेटे ललित को शक था, कि उसकी मां और गांव की दो अन्य महिलाएं सांप बन कर गांव के युवाओं को डंस रही हैं. इसी वजह से तीनों को मार डाला गया. बताया जाता है कि तीनों महिलाएं डायन और सांप बनकर डंसती हैं. यही कहकर ग्रामीणों ने हत्या कर दी.
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जिन महिलाओं की हत्या हुई हैं, उनमें से एक का भतीजा सुरेंद्र पूरे घटना के दौरान मौके पर मौजूद था. उसने गांव वालों को समझाने की कोशिश की थी कि वह ऐसा ना करें,लेकिन गांव वालों ने उसे जान से मारने की धमकी देकर चुप करवा. उस दौरान अपनी ही मां की हत्या करने वाले आरोपी ललित ने सुरेंद्र को बताया कि तीनों महिलाएं डायन हैं, और सांप बनकर ग्रामीणों का डंस रही थीं, उसे भी सांप ने ही डंसा था.
जिसके बाद गांव के ओझा सुकरा सिंह मुंडा ने झाड़-फूंक कर उसकी जान बचायी है. उसने ही भी यह बताया कि तीनों महिलाएं डायन हैं, इसी वजह से एक युवक की जान गयी है, इसलिए तीनों को मार देना बहुत जरूरी है.
25 से 30 लोगों ने तीनों महिलाओं को घेरकर रखा था
सुरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उन्हें बीते दो सितंबर की शाम सात बजे फुफेरी बहन आरती ने फोन कर ललित को सांप काटने की बात कहकर बुलाया. रात करीब नौ बजे जब वह अपनी फूआ के घर पहुंचा तो देखा कि उनके पति, बेटा ललित समेत गांव के 25 से 30 लोग तीन महिलाओं को घेरकर रखे हुए हैं. सभी लोग तीनों महिलाओं को लाठी और लात घूंसों से बेरहमी से पीट रहे हैं. इसी बीच ललित को भी डंडा दिया और तीनों महिलाओं को पीटने का दबाव दिया, लेकिन वो इससे इनकार कर गया. लाठी की मार से तीनों महिलाओं के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों से खून बह रहा था. मौजूद ग्रामीण तीनों महिलाओं पर डायन बिसाही का आरोप लगा रहे थे. इस दौरान एक भी व्यक्ति उन महिलाओं को बचाने के लिए आगे नहीं आया.
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बताया जाता है कि तीनों महिलाओं की मौत होने के बाद आरोपियों ने उनके शव को एक ऑटो में रखा. इसके बाद उसे गांव से ढाई किलोमीटर दूर स्थित मारांगबुरू पहाड़ी के जंगल में ले जाकर फेंक दिया.
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