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Jayantey Vikash
Ranchi : एचईसी की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. कार्यशील पूंजी की कमी और मजदूरों के टूल डाउन स्ट्राइक होने के कारण एचईसी वर्क आर्डर पूरा नहीं कर पा रहा है. फिलहाल कंपनी के पास लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर है. इसमें से 1200 करोड़ का वर्क ऑर्डर पूरी तरह फाइनल है, लेकिन वर्किंग कैपिटल के अभाव में कार्य प्रभावित हो रहा है.
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बता दें कि कार्यशील पूंजी के अभाव में इसरो, रक्षा, ऊर्जा, रेलवे, माइनिंग सहित कई सेक्टरों के उपकरणों का निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है. कच्चा माल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. कच्चा माल नहीं रहने के कारण तीनों प्लांटों के आधा दर्जन से अधिक वर्क शॉप में काम बंद हो गया है. सबसे अधिक एचएमबीपी में काम प्रभावित हुआ है. यहां चार शॉप में उत्पादन ठप है.
1350 स्थायी अफसर-कर्मचारी और 1700 सप्लायी मजदूर कार्यरत
कर्मचारियों को 6 महीने और अधिकारियों को 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. सिर्फ वेतन मद का बकाया 45 करोड़ के आस-पास पहुंच गया है. कंपनी में अभी 1350 स्थायी अफसर-कर्मचारी हैं. वहीं करीब 1700 सप्लायी मजदूर काम करते हैं. हर माह कंपनी की वेज बिलिंग लगभग 7 करोड़ है. कर्मियों को मिलने वाले भत्ते और अन्य मदों को मिला दें तो कामगारों पर प्रतिमाह का खर्च लगभग साढ़े ग्यारह करोड़ का होता है.
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मैनेजमेंट ने मंत्रालय से मांगा हैं आर्थिक सहयोग
कंपनी के आला अफसरों ने बकाया और देनदारियां से संबंधित विस्तृत जानकारी भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा है. मंत्रालय से कंपनी के लिए आर्थिक सहयोग मांगा है. अफसरों ने 31 मार्च 2022 तक के सभी देनदारियों से मंत्रालय को अवगत करा दिया है. एचईसी पर कुल देनदारी लगभग 1100 करोड़ रुपये की है. एचईसी मैनेजमेंट ने देनदारियों की जानकारी देते हुए भारी उद्योग मंत्रालय से कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए तत्काल 16 करोड़ रुपये की मांग की है.
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