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Hazaribagh: दस लक्षण पर्यूषण पर्व के आठवें दिन बुधवार को आर्यिका 105 प्रतिभामति माताजी और आर्यिका 105 सुयोगमति माताजी ने बड़ा बाजार जैन मंदिर में कहा कि दूसरों के हित में ज्ञानदि संपदा लगाना उत्तम त्याग है. राग-द्वेष से अपने को छुड़ाने का नाम त्याग है. त्याग प्राणी का नैसर्गिक नियम है. यदि हमारे आगमन के द्वार खुला रहे और निकासी न हो, तो काफी कठिनाई होगी, हमें तकलीफ होगी.
माताजी ने कहा कि जिस कुआं से पानी निकाला बंद कर दिया जाता है तो वहां रुका हुआ पानी सूख जाता है और सड़ जाता है. जो पेड़ अपने फलों को लुटाते हैं, उनमें बार-बार फल आते हैं. जो अपने फल को छुपाते हैं वे समूल नष्ट हो जाते हैं. यह सारे प्रकृति के उदाहरण हमें त्याग करने की प्रेरणा देते हैं. संग्रह ही जीवन को दुखदाई बना देता है, जबकि त्याग जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाता है. धन और धर्म का अपना अपना महत्व है. धन हाथ का मैल है. उसे जीवन का सर्वस्व नहीं मानना चाहिए. धर्म हमारे लिए सिर की टोपी है और धन पैर का जूता. टोपी सम्मान और मर्यादा का प्रतीक है, जिसकी सार-संभाल हम प्राणपन से करते हैं. जिसने त्याग किया है, संसार में उसी का सम्मान हुआ. जिसने संग्रह किया है, उसका संसार में पतन हुआ.
माताजी ने कहा कि यही कारण है कि जल का दान करने वाला मेघ हमेशा ऊपर रहता है और संग्रह करने वाला समुद्र सदा नीचे रहता है. इस जग में त्याग करते करते ही मनुष्य आत्मा से परमात्मा बन जाता है. मौके पर बाडम बाजार और बड़ा बाजार दोनों जैन मंदिरों में अभिषेक, शांतिधारा और पूजन किया गया. शांतिधारा का सौभाग्य दस लक्षण व्रत धारी राजकुमार पाटनी तथा प्रदीप अजमेरा को मिला. पुण्य अर्जक रेणुरारा ग्रुप को मिला. माता जी को जिनवाणी देने का अवसर राजकुमार पाटनी एवं संजय तुषार टोंग्या को मिला. उत्तम त्याग के दिन समाज के सभी सदस्यों ने अपनी शक्ति के अनुसार नियम लेकर व दान देकर त्याग धर्म को अंगीकार किया.
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वहीं आचार्य श्री का चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन का अवसर दसलक्षण व्रत धारी राजकुमार पाटनी, श्रेयांश छाबड़ा व रत्नत्रय व्रत धारी राजेश सेठी को प्राप्त हुआ. दोपहर में माता जी ने तत्वार्थ सूत्र पर प्रवचन दिया. संध्या प्रतिक्रमण योग कराया गया. फिर दोनों मंदिरों में भव्य आरती की गई. दस लक्षण व्रत धारियों के अनुमोदना के लिए बाडम बाजार जैन मंदिर में विनती गाई गई. वर्षा योग कमेटी के मुख्य संयोजक निर्मल जैन गंगवाल ने बताया कि कल आठ सितंबर को दस लक्षण धारियों के निवास स्थानों पर विनती की जाएगी. रात्रि में जैन युवा परिषद की ओर से मिले सुर मेरा तुम्हारा नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष धीरेंद्र सेठी और महामंत्री पवन अजमेरा समेत समस्त समाज में उत्साह रहा.
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