Jamtara : आसनसोल रेलवे मंडल की ओर से बी क्लास जमीन खाली करने की नोटिस भेजे जाने के खिलाफ रैयत गोलबंद हो गए हैं. 8 सितंबर को रैयतों ने समाज कल्याण समिति परिसर में बैठक की. बैठक जन संघर्ष मंच जामताड़ा के तत्वावधान में किया गया. बैठक में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र मंडल उपस्थित थे. कर्माटांड़ से जामताड़ा और मिहिजाम कानगोई फाटक तक रेलवे लाइन की दोनों तरफ जमीन खाली करने को नोटिस भेजा गया है. वीरेंद्र मंडल ने रेलवे की नोटिस को फरमान बताया. कहा कि वर्षों से रैयत इस जमीन पर रहते आ रहे हैं. यह जमीन की जमीन नहीं है. रेलवे की जमीन ए क्लास और सी क्लास है. ए क्लास जमीन पर रेलवे पटरी बिछी हुई है. रेलवे स्टेशन एवं गोदाम सी क्लास जमीन पर है.
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में ईस्ट इंडिया कंपनी के आग्रह पर रेलवे पटरी बिछाए जाते समय सामानों को रखने के लिए रैयतों से जमीन ली गई थी. उस समय रैयतों को आश्वासन दिया गया था कि पटरी बिछाने के बाद जमीन लौटा दी जाएगी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को जमीन लौटा भी दी. बिहार लैंड एक्वीसन मैनुअल एवं बिहार लैंड एक्वीसन धारा 1894 में भी उल्लेख है कि रेलवे बी क्लास जमीन को अधिकतम तीन वर्षों तक अपने अधीन रख सकती है. इसके बाद जमीन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को वापस कर देना होगा. जमीन वापस किए जाने पर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने स्वविवेक के आधार पर रैयतों को जमीन व्यवस्थित कर दिया.
बैठक में मंडल ने सैकड़ों रैयतों के समक्ष कड़े शब्दों में रेलवे की नोटिस का विरोध किया गया. कहा गया कि रेलवे की जमीन हड़पने की नीति कामयाब नहीं होने दी जाएगी. 12 सितंबर को जामताड़ा स्टेशन में डाउन प्लेटफार्म पर सुबह 9 बजे से रैयत धरना देंगे.
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