Dinesh Kumar Pandey
Bokaro: जिले में राशन कार्ड धारियों की समस्या बढ़ती जा रही है. समय पर उन्हें राशन नहीं मिल पाता है. पीडीएस दुकानदार कब राशन लाते हैं, उनके द्वारा कब बांटा जाता है, इसकी जानकारी भी लोगों को नहीं दी जाती है. इसके कारण लाभुक वंचित हो जाते हैं. पीडीएस दुकानदार कभी-कभी एक साथ दो महीने का राशन बांटते हैं, तो कभी एक माह का राशन गायब भी कर देते हैं. इससे लाभुक परेशान हैं. बताया जाता है कि सभी पीडीएस दुकानदारों के पास इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन नहीं है. कुछ दुकानदार आज भी तराजू बाट से वजन करते हैं. इस दौरान नकली बाटों का उपयोग धड़ल्ले से किया जाता है. दूसरी ओर वजन में कटौती आधे किलो से लेकर एक किलो तक की जाती है.
क्या है नियमावली
जन वितरण प्रणाली का दुकान सरकारी होता है. इसके लिए लाइसेंस जारी किया जाता है. राशन कार्ड और यूनिट के आधार पर राशन दिया जाता है. दुकान सरकारी छुट्टियों को छोड़कर बाकी दिन खुले होने चाहिए. लेकिन यहां पीडीएस दुकानदार ऐसा नहीं करते हैं. सब कुछ अपनी मर्जी से करते हैं. बता दें कि अंत्योदय योजना के माध्यम से लाभुकों को 28 किलो चावल और 7 किलो गेंहू प्रतिमाह देने का प्रावधान है. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री निः शुल्क योजना मद से राशन देने का प्रावधान किया गया है. इस मामले में कई केस हैं, जिससे वस्तुस्थिति को समझा जा सकता है.
केस स्टडी
पिंड्रजोरा के लाभुक बासुदेव कुमार ने बताया कि सितंबर का राशन नहीं मिला है. पिछले महीने का राशन मिला है. दुकानदार ने एक किलो राशन काट लिया. उसके मुताबिक गोदाम से चावल वजन में कम मिलता है. वहीं सेक्टर 2 सी के लाभुक किशन कुमार ने बताया कि राशन दुकानदार कब राशन लाते हैं, इसकी जानकारी नहीं मिलती है. इसलिए दो माह का राशन नहीं ले पाए. चास की लाभुक शीतल देवी ने बताया कि राशन मिलता है, लेकिन चीनी, चना और नमक नहीं मिलता है. दुकानदार द्वारा वजन कम दिया जाता है. दुकानदार के मुताबिक उसे गोदाम से कम मिल रहा है. इस मामले पर जब चास प्रखंड के मार्केटिंग आफिसर (MO) से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने अपना फोन 7903353271 नहीं उठाया. इससे आपूर्ति विभाग का पक्ष नहीं लिया जा सका.
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