Ramgarh: रामगढ़ में सोहराई महोत्सव का आयोजन किया गया. इस तरह का भव्य और वृहद आयोजन पहली बार रामगढ़ में किया गया. इस कार्यक्रम में झारखंड के साथ-साथ बंगाल और ओड़िशा के हजारों लोग शामिल हुए. वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच के आह्वान पर ”सोहराई चांचइर आर बरदखूंटा” कार्यक्रम के तहत इसका भव्य आयोजन हुआ. सिद्धू,कान्हू मैदान से रामगढ़ कॉलेज मैदान तक का रास्ता सोहराई के रंग में सराबोर दिखा. कार्यक्रम का प्रारंभ हजारों कला-संस्कृति प्रेमियों के जत्थे के साथ सिद्धू कान्हू मैदान से शुरू हो कर गांधी चौक,सुभाष चौक,ब्लॉक चौक होते हुए रामगढ़ कॉलेज पहुंची जहां बरदखूंटा का आयोजन हुआ. इसके बाद पूरा कॉलेज परिसर अहीरा गीत से गुंजयमान हो उठा.
झारखंड,ओडिशा और बंगाल के लोक कलाकारों ने चांचइर,अहीरा और झूमर गीतों के साथ मांदर, धमसा,ढोल के थापों से रामगढ़ कॉलेज ही नहीं वरन पूरे रामगढ़ को ही झंकृत कर दिया.
हमारा उद्देश्य झारखंड की संस्कृति को नए सिरे से जीवित करना है : ओम प्रकाश महतो
वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच के सदस्य ओम प्रकाश महतो का कहना है कि इस तरह का आयोजन इस वृहद झारखंड में पहला,अनूठा और ऐतिहासिक है. हमारा उद्देश्य है कि झारखंड की संस्कृति को एक नए सिरे उठाना और जीवित करना ही नहीं है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी दिलाना है. जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले वर्ष सोहराई पेंटिंग को जीआई टैग भी मिल चुका है. अतः अब हमारा भी कर्तव्य बनता है कि इसे भव्य ही नहीं अपितु भव्यतम रूप दें और विश्व पटल के सामने रखे. इसी क्रम में आज ये भव्यतम रूप रामगढ़ की धरती से पूरे देश ने देखा.
युवा वर्ग को अपनी संस्कृति से जोड़ना है: द्वारिका प्रसाद महतो
द्वारिका प्रसाद महतो का कहना है कि हमारे झारखंड की बेहद ही गौरवपूर्ण कला संस्कृति जो कहीं न कहीं आधुनिकता के चपेट में आ कर खोती सी जा रही थी. युवा वर्ग इनसे दूर होते जा रहा था. उनको सुरक्षित और संरक्षित रखने के क्रम में हमने इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने की सोची. प्रथम आयोजन में ही हमने देखा कि युवा वर्ग को बस राह दिखाने भर की देरी है युवा इसे उच्चतर स्तर पे स्वयं ले जाएंगे. आगे इस प्रकार के आयोजन को और भी भव्यता प्रदान की जाएगी व और भी बृहद पैमाने पे मनाया जाएगा.
युवा वर्ग में अपनी गौरवपूर्ण संस्कृति का संचार करना है: संतोष महतो टिडुआर
संतोष महतो टिडुआर ने कहा कि हमारा ये प्रयास और आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी जो धीरे-धीरे अपनी कला,संस्कृति,परंपरा और सभ्यता से दूर होते जा रही है. उनमें अपनी इन गौरवपूर्ण संस्कृति का संचार करना है. इस कार्यक्रम में हमने देखा कि सबसे ज्यादा युवा वर्ग ही बढ़ चढ़ के हिस्सा लिए. कला, संस्कृति और परंपरा का आधार जहां बूढ़े-बुजुर्ग है तो उस आधार पर इमारत बनाने के वाहक हमारे युवा हैं. यदि युवा ही इससे कट गए तो कला,संस्कृति और परंपरा की चमचमाती इमारत कभी नहीं बन सकती. अतः युवा जागेगा तो संस्कृति भी अपनी बुलंदियों को छुएगा. आज रामगढ़ में ये हुआ कल बृहद झारखंड के कोने-कोने में हमारी संस्कृति दुनिया के सामने एक नई आयाम लिए खड़ी दिखेगी.
इस मौके पर पनेश्वर कुमार, अनिकेत ओहदार, महेश निगम महतो, महेश निगम,पवन महतो, अनिकेत महतो,देवानंद महतो, हेमलाल महतो, मिथिलेश महतो, अनिल पटेल,उमेश महतो, सुरेश महतो,रामबृक्ष महतो, मुनीनाथ महतो, आशा महतो, संतोष महतो, अर्चना महतो, चिंतामणी पटेल,गिरिशंकर महतो सहित भारी संख्या में लोग शामिल हुए.
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