सौरभ शुक्ला
Ranchi: कोरोना का यह दूसरा लहर काफी भयावह है. एक ओर जहां हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या भी राज्यभर में बढ़ा है. मौत का आंकड़ा बढ़कर 1192 पर पहुंच गया है. 10 अप्रैल के आंकड़े के मुताबिक राज्यभर में 17 लोगों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया है. इस संक्रमण काल के दौरान लगातार.इन आपको कोरोना काल के सभी महत्वपूर्ण तस्वीरों से बाखबर करता है जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है.
1. रिम्स में बढ़ी ऑक्सीजन की खपत
रिम्स ट्रॉमा सेंटर में 13 हजार किलोलीटर का ऑक्सीजन टैंक लगाया गया है. जिसकी क्षमता 15 दिनों तक ऑक्सीजन सप्लाई करने की है, लेकिन मरीजों का लोड इस कदर बढ़ा है कि मात्र एक सप्ताह के अंदर ऑक्सीजन खत्म हो जा रहा है और इसे रिफिल करने के लिए ऑक्सीजन ट्रक मंगाया जा रहा है.
2. अफरातफरी के बीच जान बचाने की जद्दोजहद जारी
वही डोरंडा के कुसाई से आए मरीज को गाड़ी में ही ऑक्सीजन मीटर लगाकर चिकित्सक ऑक्सीजन लेवल चेक कर रहे थे. जबकि डोरंडा कुसाई कॉलोनी, सिमडेगा खूंटी टोला से ऑटो से आयी मरीज सरोजनी देवी को उसके परिजन किसी तरह अस्पताल में भर्ती कर जान बचाने की जद्दोजहद करते दिखे.
3.परिजन शव लेने के लिए करते रहे इंतजार
रिम्स ट्रामा सेंटर के मॉर्चरी की स्थिति काफी भयावह थी. जिन्हें लगता है कि कोरोना काफी सामान्य बीमारी है उनके लिए ये तस्वीर जरूरी है. रिम्स में मोक्ष की प्राप्ति के लिए करीब एक दर्जन शव को रखे गया थे. रिम्स में 1 दिन में 15 कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है.
4. इधर व्यवस्था सुधार के लिए अपर निदेशक कर रहे थे निरीक्षण
वहीं रिम्स ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था सुधार का निरीक्षण करने के लिए रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासनिक) सह संयुक्त सचिव स्वास्थ्य वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने ट्रामा सेंटर का करीब आधे घंटे तक निरीक्षण किया.
5. हरमू मुक्तिधाम में शव जलाने के लिए कम पड़ी जगह
कोरोना काल में सामान्य लोगों की मौत की संख्या भी बढ़ी है. मौत के आंकड़े में बढ़ोतरी होते ही रांची के हरमू स्थित मुक्तिधाम में करीब 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था. ये ऐसे लोग थे जिनकी सामान्य या अन्य कारणों से मौत हुई थी. जबकि करीब एक दर्जन कोरोना संक्रमित का शव अंतिम संस्कार के लिए हरमू मोक्षधाम में गैस आधारित शवदाह गृह में मोक्ष की प्राप्ति के इंतजार में रहीं और अंत में नामकुम स्थित घाघरा श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई.