- पहले से बनी थी दो पुलिया, ठेकेदार ने नई योजना बताकर निकाल ली पूरी रकम
- पूर्व में आरइयो ऑफिस में दी गई थी जानकारी, नहीं हुई कोई कार्रवाई : वार्ड सदस्य
- वर्ष 2019 में सांसद-विधायक ने एक साथ किया था शिलान्यास
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड स्थित पबरा पंचायत के दुर्गा मंडप से सिवाने नदी बोंगा तक 1.63 करोड़ की राशि से बनी ढाई किलोमीटर सड़क तीन साल तक भी नहीं चली. सड़क में दरारें पड़ने लगी और पिच भी उड़ने लगी है.
वर्ष 2019 में सांसद जयंत सिन्हा और सदर विधायक मनीष जायसवाल ने एक साथ मिलकर शिलान्यास किया था. वर्ष 2020-21 में जैसे-तैसे तैयार कर सड़क को पूरा दिखा राशि निकाल ली गई. यह सड़क आरईओ की ओर से पुष्पा कंस्ट्रक्शन ने बनाई थी.
ग्रामीणों का कहना है कि इस रोड पर वन विभाग की ओर से दो पुलिया पहले से ही बनी हुई थी. उसे भी नई योजना दिखाकर रकम भी निकाल ली गई है. पुरानी पुलिया का रंग-रोगन कर उसी को पास करवा दिया गया. दस फीट चौड़ी सड़क और दोनों किनारे तीन-तीन फीट मिट्टी मोरम देकर समतल करना था. लेकिन दोनों किनारे वैसे ही छोड़ दिए गए. ऐसे में ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती है.
ठेकेदार और आरईओ के पदाधिकारियों की मिलीभगत : ग्रामीण
इस संबंध में पबरा के ग्रामीण अजीत मेहता, प्रदीप मेहता, सचिन मेहता, राजू कुमार, रोहित एवं हीरामन मेहता ने बताया कि 2019 में सांसद एवं विधायक ने इसका शिलान्यास किया गया था. पूरे तामझाम के साथ सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन ठेकेदार रोड को जैसे-तैसे बनाकर भाग गया. जिस समय सड़क बन रही थी, उसी समय आरईओ कार्यालय में इसकी सूचना दी गई थी. आरईओ के एसडीओ ने भी उसकी जांच की थी. विभाग की ओर से टीम भेजकर जांच कराने की बात कही गई थी. ग्रामीणों का कहना है कि बाद में ठेकेदार और आरईओ के पदाधिकारियों की मिलीभगत से सड़क आज भी अधूरा ही है.
पांच साल पुराने मामले की नहीं है जानकारी : अभियंता
इस संबंध में आरईओ के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पांच साल पुराने मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
तीन साल पुराना है मामला, कर रहे हैं मरम्मत : ठेकेदार
इस संबंध में पुष्पा कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार शशि पांडे ने बताया कि यह मामला तीन साल पुराना है. सड़क पूरी हो चुकी है. जहां सड़क खराब है, उसकी मरम्मत कर चुके हैं. सड़क के दोनों किनारे इसलिए नहीं भरी गई है कि ग्रामीणों ने जमीन नहीं दी. वहां तक उनकी निजी जमीन है. दो पुलिया पहले से बनी थी, जो वन विभाग के अधीन थी. एनओसी लेने के बाद उस पुलिया को पुष्पा कंस्ट्रक्शन ने रंग रोगन कराया. अब तक उसका बिल पास नहीं हुआ है.
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