Abhilasha
LagatarDesk: केशब चंद्र मंडल के द्वारा लिखी गयी नयी पुस्तक “भारत का सतत विकास” में भारत का अन्य जी-20 के देशों से तुलना की गयी है. केशब चंद्र मंडल ने चिंता व्यक्त की है कि भारत की जीडीपी पिछले दो दशकों में दोगुनी तो हो गयी है. लेकिन इसके Human Development Indicator केवल जी-20 में शामिल 20 विकासशील देशों से ही खराब नहीं हैं, बल्कि विकसित देशों से भी खराब स्थिती में है.
2022 में आयोजित होगा जी-20 सम्मेलन
जी-20 वैश्विक जीडीपी का लगभग 85% और दुनिया की आबादी के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. वहीं सामूहिक रुप से देखें तो विश्व व्यापार का 80% और विश्व के क्षेत्रफल का आधा हिस्सा जी-20 के पास है. 2022 में भारत की 75 वीं वर्षगांठ पर जी-20 का 17 वां सम्मेलन आयोजित होने वाला है.
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HRD में भारत का खराब प्रदर्शन
केशब चंद्र मंडल के द्वारा लिखी गयी पुस्तक ये कहती है कि जी-20 में भारत के अलावा एक भी देश ऐसा नहीं है जिसने मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) में इतना खराब प्रदर्शन किया. HRD के अनुसार, विकसित देश बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 0.939, जर्मनी 0.936, कनाडा 0.926 और इटली 0.880 है. वहीं दूसरी ओर विकासशील देश भी HRD में भारत से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें भारत का स्कोर सिर्फ 0.640 है.
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HRD में देश की स्थिती 3 बातों पर करता है निर्भर
वहीं दूसरी ओर मानव विकास सूचकांक में देश की स्थिति Life Expectancy at Birth, Maternal Mortality rate(MMR) and Political Participation of Women पर निर्भर करता है.
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भारत में मृत्यु दर सबसे ज्यादा
life expectancy at birth में भी भारत का प्रदर्शन खराब रहा. इसमें भारत से अच्छा प्रदर्शन विकसित देश ही नहीं बल्कि विकासशील देश भी कर रहे हैं. इसमें दक्षिण अफ्रीका ही केवल 63 वर्षों के साथ अपवाद में है. भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है.
MMR के संदर्भ में भारत का प्रति एक लाख जीवित व्यक्तियों में 174 मौतें होती हैं. जो अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है, जिससे भारत का सबसे खराब प्रदर्शन है. मृत्युदर के मामले में भारत की स्थिती दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया से भी पिछड़ी हुई है.
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साक्षरता दर में भी भारत पीछे
भारत की साक्षरता दर 74% है, जो जी-20 देशों की तुलना में भी सबसे कम है. भारत की साक्षरता दर रूस से भी बदतर है. सकल नामांकन अनुपात(Gross Enrollment Ratio) में भी भारत निराशाजनक प्रवृत्ति का संकेत देता है. भारत में माध्यमिक स्तर में नामांकन अनुपात जी-20 में सम्मिलित देशों में सबसे कम है.
भारत में केवल 75% आबादी माध्यमिक विद्यालय की आयु की श्रेणी में है. ये विकसित देशों से ही नहीं बल्कि अर्जेंटीना, ब्राजील, चीन, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और मैक्सिको से भी खराब है.
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सरकार का शिक्षा क्षेत्र में खर्च कम
भारत में शिक्षा की स्थिती बहुत खराब है. इसका मुख्य कारण शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी खर्च में कमी है. जी-20 देशों की तुलना में भारत का बजटीय आवंटन शिक्षा क्षेत्र में बिल्कुल कम है.
भारत शिक्षा क्षेत्र में जीडीपी का केवल 3.8% ही खर्च करता है. जबकि अधिकांश देश भारत से अधिक खर्च करते हैं.
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भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कम
जी-20 में सम्मिलित देश अपने पुरुष समकक्षों के साथ महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने में विफल रहे हैं. भारत की स्थिति जी-20 देशों की तुलना में जापान और तुर्की से भी कम है. भारत में श्रम बल की भागीदारी में लिंग अंतर सबसे बड़ा है, जिसमें पुरुषों की कुल श्रम भागीदारी 78.8% है. जबकि महिलाओं की भागीदारी दर केवल 27.2% है.
जी-20 के विकसित देशों में श्रम दर भागीदारी का लिंग अंतर बहुत कम है.
भारत हर क्षेत्र में न केवल विकसित देशों से बल्कि विकासशील देशों से भी पीछे है. भारत की स्थिती मोदी सरकार के कार्यकाल में बदतर हो गयी है. इस सरकार के प्रभार में भारत की स्थिती सुधरने की बजाय और खराब ही होती जा रही है. अगर ऐसी स्थिती बनी रही तो भारत हर क्षेत्र में पिछड़ता जायेगा. अगर अभी इन सारी चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे उबर पाना भारत के लिए काफी मुश्किल हो सकता है.
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