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Ranchi : पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कहा कि आदिवासियों के खिलाफ हमला बढ़ा है. यह दुर्भाग्य ही है कि आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में आदिवासी अपने हक व अधिकार के लिए लड़ने को मजबूर हैं. धान ने आदिवासी समन्वय समिति की मंगलवार को हुई धुमकुड़िया सभागार में आयोजित बैठक के दौरान ये बातें कहीं. बैठक में 5 मार्च को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में आयोजित आदिवासी बचाओ महारैली की तैयारी और सफलता को लेकर चर्चा की गई. बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने अब तक की तैयारी बैठक, जनसंपर्क, सभा व प्रचार-प्रसार की जानकारी दी. निर्णय लिया गया कि अब तक जिन जिलों में जनसंपर्क, बैठक या प्रचार-प्रसार नहीं हुआ है, उस क्षेत्र पर जोर दिया जाएगा.
वैकल्पिक राजनीति तय होगी- मुंडा
बैठक में लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि 5 मार्च की आदिवासी बचाओ महारैली आदिवासियत को बचाने और आदिवासी विरोधी ताकतों के खिलाफ हल्ला बोलने की है. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि आदिवासियों के जन मुद्दों पर पूरे आदिवासी समुदाय को एकजुटता दिखाना होगा. प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी संकटकालीन दौर से गुजर रहे हैं, इसके लिए जनांदोलन ही रास्ता है. वहीं से आदिवासी जन समुदाय की वैकल्पिक राजनीति तय होगी.
कार्यभार कमिटी का विस्तार
बैठक में आदिवासी समन्वय समिति (ACC) की कार्यभार कमिटी का विस्तार करते हुए अनिल टुडू को धनबाद, गिरिडीह, बोकारो और संथाल परगना का जोनल प्रभारी, अलशा सोरेन को धनबाद जिला प्रभारी, रमेश हेंब्रम को हजारीबाग, सुधीर किस्कू को चांडिल अनुमंडल प्रभारी, प्रीतम सांड लोहरा को रांची ग्रामीण संयोजक, बैजनाथ लोहरा को सह संयोजक बनाया गया. बैठक में अजय तिर्की, अभय भुटकुंवर, अनिल टुडू, कुंदरसी मुंडा, रमेश कुमार हेंब्रम, जगदीश पाहन, आनंद मुंडा, दिनेश मुंडा, राजेश लिंडा, विदेशी मुंडा, नीरज कुमार बेसरा, महालाल हांसदा, राम किशोर मुर्मू, सेलिना लकड़ा ,बहादुर मुंडा शामिल थे.
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