Koderma : राज्य के चिकित्सकों का संगठन आईएमए और झासा ने अपनी माँगों के समर्थन में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा. ज्ञापन की प्रतिलिपि विभागीय मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव को भी दिया गया है. साथ ही ज्ञापन की कॉपी जिले के सिविल सर्जन सहित स्थानीय विधायक सह पूर्व मंत्री डॉ नीरा यादव, बरकट्ठा विधायक अमित यादव, बरही विधायक उमाशंकर अकेला और कोडरमा सांसद सह केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी को भी दी गयी है.
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डॉक्टरों की ये हैं मुख्य मांगें
डॉक्टरों ने क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट में आवश्यक संशोधन करने, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की तर्ज पर 50 बेड तक के अस्पतालों को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त रखा जाए ताकि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी एवं सेकेंडरी लेवल के अस्पतालों का अस्तित्व बना रहे. साथ ही गरीब एवं जरूरतमंद आम जनता को सस्ते दर पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू की जाय. ज्ञात हो कि वर्तमान में भारतवर्ष के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है. जिन राज्यों में यह लागू है, वहां मरीजों का रेफरल कम है और परिणाम स्वरूप मृत्यु दर कम है. साथ ही बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से मुक्त करने की मांग की गई.
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इन्होंने दिया ज्ञापन
ज्ञापन देने वालों में आईएमए कोडरमा के सचिव डॉ नरेश पंडित, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के संयुक्त सचिव डॉ रमण कुमार, कोडरमा आई एम ए उपाध्यक्ष डॉ अलंकृता मंडल, पूर्व आई एम ए सचिव डॉ सुजीत राज, झासा का राज्य उपाध्यक्ष डॉ शरद कुमार, झासा कोडरमा के प्रभारी अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार, डॉ सागर मणि, डॉ कुलदीप कुमार,डॉ सुनील कुमार,डॉ रचना गुप्ता,डॉ परिमल तारा,डॉ आर के दीपक,डॉ रंजीत कुमार,डॉ अभिजीत राय, डॉ लूना मित्रा सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.
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