Ranchi : बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. सीबीआई कोर्ट ने लालू को राहत देते हुए रिलीज़ आर्डर जारी किया है. लालू के द्वारा 10 लाख जुर्माना राशि कोर्ट में जमा करने के बाद अदालत ने रिलीज आर्डर जारी किया. बेलर के तौर पर निशिकांत और राजू गोप हुए कोर्ट में उपस्थित रहें. बता दें कि लालू यादव की तबीयत खराब हो जाने के कारण उन्हे एम्स में भर्ती कराया गया है. एम्स में वो फिलहाल बिरसा मुंडा जेल के कस्टडी में इलाजरत हैं
17 अप्रैल को लालू को मिली थी जमानत
बता दें कि काफी लंबे समय से जेल में बंद लालू यादव को 17 अप्रैल को दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से अदालत में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि हमने सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है. इसलिए जमानत दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों की दलिले सुने के बाद हाईकोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी थी. इसके बाद बार काउंसिल आफ इंडिया के आदेश के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के गुरुवार को बेल बांड भरा.
जमानत मिलने के बाद जेल में रखना अधिकारों का हनन
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आदेश दिया था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए अधिवक्ता अदालती प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे. इस आदेश से वैसे लोगों को परेशानी हो रही है, जिन्हें जमानत मिल गई है और बेल बांड सहित अन्य कागजी कार्यवाही पूरी नहीं होने की वजह से वे अभी भी जेल में ही हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि जमानत मिलने के बाद किसी को भी जेल में रखना उसके अधिकारों का हनन है. इस आदेश के बाद जिन्हें जमानत मिल गई है. उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए अधिवक्ता को अदालती प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जाना सही नहीं है.