NewDelhi : पेगासस फिर सुर्खियों में है. खबर है कि भारत सरकार को पेगासस जैसा नया स्पाईवेयर चाहिए. पेगासस के बारे में बता दें कि अमेरिकी सरकार इसे ब्लैकलिस्ट कर चुकी है. भारत में तो पेगासस मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. ऐसे में सरकार पेगासस की प्रतिद्वंद्वी सॉफ्टवेयर कंपनियों से डील करने की सोच रही है. खबर है कि कई सर्विलांस कंपनियां भारत सरकार के समक्ष बोली लगाने की तैयारी कर रही हैं. इजराइल की स्पाईवेयर कंपनी क्वॉड्रीम (Quadream) और कॉग्नाइट (Cognyte) के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, बेलारूस और साइप्रस की स्पाईवेयर फर्म भी बोली लगा सकती हैं.
फायनेंशिल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के डिफेंस और इंटेलिजेंस अधिकारी नये स्पाईवेयर के कॉन्ट्रैक्ट के लिए 12 करोड़ डॉलर (986 करोड़ रुपए) तक खर्च कर सकते है. इसके लिए 12 कंपनियां बोली लगानेवाली हैं.
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प्रेडेटर कई ऐसे देशों में ऑपरेशनल है जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है
सूत्रों ने बताया कि भारतीय अधिकारी ग्रीस की कंपनी Intellexa का स्पाईवेयर खरीदने की जुगत में हैं. खबर है कि इस कंपनी ने इजराइली मिलिट्री के पूर्व अधिकारियों की मदद से प्रेडेटर (Predator) नाम का स्पाईवेयर तैयार किया है. हालांकि इस स्पाईवेयर का एक जासूसी कांड में नाम आ रहा है, जिसमें ग्रीस के स्पाई चीफ और प्रधानमंत्री भी फंसे हुए हैं. सिजिटन लैब और फेसबुक के अनुसार प्रेडेटर कई ऐसे देशों में ऑपरेशनल है जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. इन देशों में मिस्र, सऊदी अरब, मैडागास्कर और ओमान शामिल हैं.
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इजराइली कंपनियों के स्पाईवेयर में ज्यादा इंटरेस्ट है भारत को
जानकारी के अनुसार भारतीय अधिकारी जिन स्पाईवेयर में इंटरेस्टेड हैं, उनमें से अधिकतर को इजराइली कंपनियों ने बनाया है. आज की तारीख में इजराइल में सबसे एडवांस स्पाईवेयर कंपनियां हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पास ऐसे स्पाईवेयर हैं, जिन्हें प्राइवेट मिलिट्री कॉन्ट्रक्टर्स ने नहीं बल्कि देश की ही इंटेलीजेंस एजेंसी ने डेवलप किया है.
पेगासस दुनिया का सर्वाधिक ताकतवर जासूसी सॉफ्टवेयर
इजराइल के पेगासस की बात करें, तो इसे दुनिया का सर्वाधिक ताकतवर जासूसी सॉफ्टवेयर कहा जाता है. खबर है कि इसे बनाने वाला ग्रुप हजारों करोड़ का मालिक बन गया है. पेगासस सॉफ्टवेयर एक दशक के दौरान भारत सहित दुनिया के 40 देशों को बेचा गया है. पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने पेगासस जासूसी केस में सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने कहा था कि उन्हें जासूसी के शक में 29 फोन दिये गये थे, जिनमें से 5 फोन में मालवेयर मिला, लेकिन वो पेगासस था, ये कन्फर्म नहीं कहा जा सकता.
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