Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग अंधविश्वास के चंगुल में फंसे हुए हैं. बड़ाजामदा थाना क्षेत्र के बोकना गांव में जब कोई बीमार पड़ता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय लोग झाड़ फूंक कराने के लिए ओझा गुणी के पास ले जाते हैं. ताजा मामला बोकना गांव का है जहां बीमार होने पर दुसू चाम्पिया को उसके परिजन झाड़-फूंक कराने के लिए रैका गांव के एक ओझा के पास ले गए.
ओझा द्वारा बताया गया कि दुसू को एक महीना रख कर झाड़-फूंक किया जाएगा, तब वह ठीक हो सकता है. ओझा के कहने पर दुसू को एक महीना ओझा के पास छोड़ दिया गया. दुसू का भाई मोटाय चाम्पिया ने बताया कि जब वह एक महीने बाद अपने भाई से मिलने गया तो भाई और कमजोर हो गया था. वहां से तत्काल ही वह अपने भाई को घर ले आया गया और बोकना गांव के ग्रामीण मुंडा विक्रम चाम्पिया को घटना की जानकारी दी.
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समय पर इलाज से बची जान
मुंडा ने समाजसेवी ब्रजमोहन मिश्रा को इस बार में बताया, इसके बाद दुसू को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जांच करने पर दुसू चाम्पिया के टीबी रोग से ग्रसित होने की बात सामने आई. डाक्टरों ने बताया कि उसके शरीर में खून की कमी है. उसका उपचार सदर अस्पताल में चल रहा है. चिकित्सक डॉ खालीद अंजुम ने बताया कि और कुछ दिन विलम्ब से उपचार के लिए लाया जाता तो मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता. उन्होंने सभी से झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़कर डॉक्टर के पास जाने की अपील की है. गांव के मुंडा विक्रम चाम्पिया ने कहा कि अभी भी गांव में पूरी तरह से अंधविश्वास फैला है. ग्रामीणों को अंधविश्वास से निकालने के लिए गांव-गांव में ग्रामीणों को जागरूक करना बहुत ही जरूरी है.
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