Dhanbad : ईसाई समुदाय के लोगों ने 2 अप्रैल रविवार को खजूर पर्व मनाया. धनबाद (Dhanbad) के संत मेरी गिरजाघर में सुबह में फादर थॉमस बाजरे की अगुआई में मिस्सा अनुष्ठान हुआ. इसके बाद फादर ने खजूर की डाली के साथ पहुंचे विश्वसियों को आशीष दी. अपने संदेर में उन्होंने कहा कि आज का रविवार खजूर या दुःख भोग का रविवार कहा जाता है. इस दिन हम प्रभु यीशु के दुःख भोग और मृत्यु को याद करते हैं. खजूर की डाली जब पेड़ से जुड़ी रहती है, तो वह हरी रहता है. पेड़ से अलग कर देने पर वह सूख जाती है. उसी प्रकार हम येशु से जुड़े रहेंगे, तो जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी.
उन्होंने बताया कि बाइबल में भी खजूर पर्व (पाम संडे) का जिक्र है. प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे थे, तब उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग खजूर की डालियां लहराते हुए खड़े थे. इस दिन की याद में ईसाई समुदाय के लोग हर साल पाम संडे या खजूर रविवार मनाते हैं. प्रभु यीसु को सूली पर चढ़ाए जाने से पहले उनका स्वागत खजरू से किया जाता है.
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