Chaibasa (Sukesh Kumar) : झारखंड राज्य गठन भगवान बिरसा मुंडा के जयंती के अवसर पर 15 नवंबर 2000 को अबुआ दिसुम अबुआ राज की सपना साकार करने के उद्देश्य किया गया. झारखंड राज्य गठन के 22 वर्ष बीतने के बावजूद झारखंड के हित में स्थानीय व नियोजन नीति परिभाषित नहीं किया जा सका जिसे झारखंडियों को एक अधिकार मिल सके. राज्य के विभिन्न सरकारी विभाग में लगभग 3.54 लाख रिक्त पद हैं. जिस रिक्त पदों की नियुक्ति हेतु 2016 से पूर्व वाला 60-40 नियोजन नीति लागू किया जा रहा है. ऐसा होने पर लंबे समय से तैयारी करने वाले छात्र सरकारी नौकरी पाने से वंचित हो जाएंगे. उसका सपना चकनाचूर हो जाएगा जो राज्य गठन के उद्देश्य के विपरीत कार्य है.
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सरकार द्वारा बनाया गया जिलेवार रोस्टर सही नहीं है
झारखंड छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले आगामी 6 अप्रैल को समय सुबह 10 बजे टाटा कॉलेज चाईबासा से महुलसाई, पोस्ट ऑफिस चौक, सदर थाना, बस स्टैंड, घंटा घर, तांम्बो चौक होकर पैदल मार्च करते हुए उपायुक्त कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा और शांतिपूर्ण तरीके से आक्रोश रैली निकाली जाएगी. सरकार द्वारा बनाया गया जिलेवार रोस्टर कहीं से सही नहीं है. इसके लिए सरकार को सर्वप्रथम राज्य में जातीय जनगणना करनी होगी उसके बाद ही अलग-अलग जिले में जातीय जनसंख्या के आधार पर रोस्टर बनानी चाहिए. नियोजन नीति में 60-40 का फार्मूला को संशोधन करते हुए 90-10 के अनुपात में किया जाए ताकि अधिक से अधिक मूल झारखंडियों को ही लाभ मिल सके.
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खतियान को आधार मानते हुए बने नियोजन नीति
नियोजन नीति में सर्वप्रथम खतियान को आधार मानते हुए और दूसरा यहां के भाषा, संस्कृति, बोली को आधार मानते हुए नियोजन नीति बनानी होगी. मौके पर आदिवासी बाल कल्याण छात्रावास के अधिनायक वीरू गागराई, सामान्य छात्रावास का विवेक पूर्ति, पूर्ववर्ती छात्र नेता सुरेश सवैयां, छात्र नेता सुबोध महाकुड़, मंजीत हांसदा, सनातन पिंगुवा, राजेश पूर्ती ,वशील हेम्ब्रम, नीलकमल महतो, अलबिन एक्का, लालमोहन मुर्मू, दीपेश बिरुआ, वीरसिंह बालमुचू, सामु पूर्ती आदि बैठक में मौजूद थे.
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