Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर में रामनवमी विसर्जन जुलूस के दौरान उपजे विवाद के संबंध में मंत्री बन्ना गुप्ता की संदिग्ध भूमिका की जांच की मांग को लेकर भाजमो नेता मुकुल मिश्रा ने जमशेदपुर पहुंचे सीएम हेमनत सोरेन को प्रेषित ज्ञापन उनके निजी सहायक अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू को सौंपा. मुकूल मिश्रा ने अपने शिकायत में कहा कि पिछले दिनों रामनवमी अखाड़ा विसर्जन जुलूस के दौरान उत्पन्न विघ्न से रामनवमी अखाड़ा विधिवत नहीं निकल पाया. जिससे जमशेदपुर की जनता की आस्था को गहरी ठेस पहुंची है. इस पूरे प्रकरण में सुनियोजित साजिश की बू आती है और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था के लिए भाजपा एवं कांग्रेस के मंत्री बन्ना गुप्ता के समर्थक नेताओं ने उपायुक्त को जमशेदपुर से हटाने के लिए साजिश रचने का प्रयास किया. जबकि पर्व से पहले केंद्रीय शांति समिति एवं रामनवमी अखाड़ा समिति की बैठक में प्रशासन के दिशा-निर्देश का उपस्थित सदस्यों ने समर्थन किया.
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बाल मंदिर प्रकरण को बनाया गया मुद्दा
मुकूल मिश्रा ने अपनी शिकायत में कहा कि नवमी के दिन जुलूस से पहले कई अखाड़ों ने ट्रेलर और डीजे का इंतजाम किया था. लेकिन बाल मंदिर के अखाड़े का ट्रेलर ही क्यों जप्त किया गया. बाल मंदिर के प्रकरण को हो कहीं जानबूझ कर मुद्दा तो नहीं बनाया गया. बाल मंदिर प्रकरण पर ट्रेलर जब्ती मामले में सोशल मीडिया पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने लिखा था कि एक अधिकारी ने हिंदू जनभावना को ठेस पहुंचाया है साथ ही मुख्यमंत्री से शिकायत करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने वाले लोगों का मंत्री बन्ना गुप्ता से गहरे तालुकात रहे हैं. धरना पर बैठे नेतृत्वकर्ताओं ने जानबूझकर अखाड़ा समितियों को धोखा में रखकर अखाड़ों को रोके रखा ताकि रमजान जुम्मा और तरावीह का कार्यक्रम रात 8 बजे तक समाप्त हो जाए उसके बाद ही रामनवमी का अखाड़ा सड़क पर निकले.
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रात में बैठक करने पर भी उठाया सवाल
भाजमो नेता ने दशमी के दिन विसर्जन जुलूस रोके जाने के बाद शाम में कुछ नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. उक्त बैठक में अखाड़ा समिति के किसी भी सदस्य को नहीं बुलाया गया. रात में जुलूस निकालने का निर्णय दिया गया. जबकि दिन में यह बैठक हो सकती थी. बाल मंदिर प्रकरण सामने आने के बाद विसर्जन नहीं करने तथा जमशेदपुर बंद करने की घोषणा प्रशासन को विधिवत नहीं दी गई. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की.
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