Hazaribagh : रामनवमी जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारा लगाने और पथराव करने के आरोप में लोहसिंघना थाने में मामला दर्ज किया गया है. इसमें सार्वजनिक महासमिति कोर्रा के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व सदस्य सहित 15 लोगों को नामजद और 100 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. मामले के सूचक राजकीय बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय हजारीबाग के शिक्षक और इंद्रपुरी चौक साईं मंदिर के ड्रॉप गेट के पास जुलूस के दौरान बतौर मजिस्ट्रेट प्रतिनियुक्त सुनील कुमार हैं. प्राथमिकी में कहा है कि एक अप्रैल को 4:50 बजे पूर्वाह्न सार्वजनिक महासमिति कोर्रा हजारीबाग क्लब का जुलूस डिस्ट्रिक्ट मोड़ से इंद्रपुरी चौक पहुंचा और मस्जिद के सामने जुलूस रूका. उस जुलूस में सौ से डेढ़ सौ लोग थे. सभी नाचने गाने में लगे थे. इसी क्रम में कुछ लोग साईं मंदिर के नाले में गड़े ईंट पत्थर को उठाकर मस्जिद की खिड़की पर फेंकने लगे. काफी रोकने के बाद भी लोग नहीं मान रहे थे और धार्मिक आपत्तिजनक नारा लगाते हुए मस्जिद के गेट को भी क्षतिग्रस्त कर रहे थे. उन लोगों पर आरोप लगाया गया है कि रामनवमी जुलूस लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए तनाव फैलाने के लिए दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल पर आपत्तिजनक नारा लगाया गया और पथराव किया गया.
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उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग
राजद जिलाध्यक्ष, समाजसेवी सह शांति समिति सदस्य संजर मलिक ने उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इंद्रपुरी के पास वाली मस्जिद पर असामाजिक तत्वों ने दशमी जुलूस की सुबह पथराव कर खिड़की का शीशा तोड़ दिया. ऐसे उप्रदवियों पर कार्रवाई करने की जरूरत है. उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए, नहीं तो उनका मनोबल बढ़ेगा. उन लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द्र में जहर घोलने की कोशिश की. वक्त रहते जिला और पुलिस प्रशासन की तत्परता के कारण शहर सांप्रदायिकता की आग में झुलसने से बच गया.
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