NewDelhi : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में भ्रष्टाचार के लिए दोषसिद्धि की दर ज्यादा थी और उन्होंने पूछा कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को कौन बचा रहा है. उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
PM to CBI :
Don’t spare the corruptMarch 2016 :
Jitender Singh told Parliament :2013 : 1136 persons convicted for corruption
2014 : 993
2015 : 878
2016 : 71Conviction of the corrupt higher during UPA !
Men may lie but facts do not lie
Who is protecting the corrupt ?— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 4, 2023
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सीबीआई बगैर हिचकिचाहट के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे
सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए आज राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है और अधिकारियों को बगैर हिचकिचाहट के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, भले ही वे कितने भी ताकतवर हों.
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भ्रष्टाचार के लिए दोषसिद्धि यूपीए के दौरान अधिक रही
सिब्बल ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री ने सीबीआई से कहा : भ्रष्ट व्यक्ति को न छोड़ो. मार्च 2016 : जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा : 2013 में भ्रष्टाचार के लिए 1,136 लोग दोषी करार, 2014 में 993, 2015 में 878, 2016 में 71 लोग दोषी करार. भ्रष्टाचार के लिए दोषसिद्धि यूपीए के दौरान अधिक रही. संप्रग के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने कहा, ‘‘लोग झूठ बोल सकते हैं लेकिन तथ्य नहीं. भ्रष्टाचारी को कौन बचा रहा है?
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पांच साल तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की
पत्रकारों से बातचीत में सिब्बल ने कहा, ‘मेरे प्रिय प्रधानमंत्री, आपने संप्रग द्वारा पारित लोकपाल विधेयक के बाद भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पांच साल तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की? 2019 में लोकपाल की नियुक्ति के बाद से उनकी लगातार चुप्पी दिखाती है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से निपटने को लेकर कितनी गंभीर है.
उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी बताइए कि लोकपाल ने अपनी नियुक्ति के बाद से कितने मामलों पर सुनवाई की है और उनका क्या नतीजा रहा है. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह दिखाएगा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार से निपटने को लेकर कितनी गंभीर है. बता दें कि सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे।
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