Putki : कांग्रेस कांग्रेस के उपाध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि संसद में किसानों व मजदूरों की आवाज बंद करने वाली केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है. वह 4 अप्रैल को गोपालीचक में आयोजित ग्रामीण संघर्ष मोर्चा के मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे. कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों-मजदूरों आवाज हैं. लोकसभा में देश के किसानों, बेरोजगारों, मजदूरों के पक्ष व पूंजीपतियों के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उनकी सदस्यता छीन ली गई. महंगाई चरम पर है. रसोई गैस समेत अन्य कई उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत गरीबों की पहुंच से दूर हैं. इन मुद्दों पर आवाज उठाने से सीबीआई, ईडी की तलवार गर्दन पर तान दी जाती है.
उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण कर इंदिरा गांधी ने मजदूरों के जीवन में खुशहाली लायी थी. अब मोदी सरकार एक-एक कर सार्वजनिक उद्योगों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है. साल में 2 करोड़ रोजगार व लोगों के खाते में 15 लाख रुपए भेजने के वादे की हवा निकल गई है. अब यह निर्णय लेने का समय आ गया है कि देश बेचने वाले रहेंगे या देश बचाने के संघर्ष में अपनी सदस्यता की बलि चढ़ाने वाले. उन्होंने गोपालीचक में हाल में ही खुली कांग्रेस समर्थित कारोबारी की आउटसोर्सिंग कंपनी पर भी हमला बोला. कहा कि खदान के काम में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देनी होगी. कार्यक्रम में मोर्चा के कांग्रेस में विलय की घोषणा भी की गई. मौक़े पर असलम अंसारी, राजकुमार महतो, रामगोपाल भुवानिया, पप्पू पासवान, शाहरुख खान, श्रीराम पासवान, रविचंद्रा, रवि कुमार, रिजवान अंसारी, दीपक शर्मा, मनोज पासवान, अमरदीप पासवान, जीतेन्द्र पासवान आदि मौजूद थे.
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