Adityapur (Sanjeev Mehta) : तीन वर्ष बाद बगैर किसी रिस्ट्रिक्शन के जिले में बुधवार से छऊ महोत्सव का आगाज हो रहा है. राज्य का सांस्कृतिक राजधानी कहा जानेवाला और देश के साथ विदेशों में अपनी अलौकिक कला की छाप छोड़ने वाली सरायकेला छऊ को लेकर जिले में उत्सवी माहौल बन चुका है. बुधवार से झुमकेश्वरी पूजा के साथ महोत्सव शुरू हो रही है. जिला प्रशासन की मीडिया सेल से प्राप्त जानकारी अनुसार इस वर्ष 11, 12 व 13 अप्रैल को बिरसा मुंडा स्टेडियम में छऊ महोत्सव मनाया जाएगा. यूं तो दो अप्रैल को भैरव पूजा के साथ ही महोत्सव का आगाज हो चुका है किंतु ऐसी मान्यता है कि झुमकेश्वरी पूजा के बाद इस महोत्सव का विधिवत शुरुआत होती है. वहीं 5 से 9 अप्रैल तक जिले भर में मां पाउड़ी के भक्तों द्वारा घोड़ा यात्रा निकाली जाएगी.
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13 अप्रैल को छऊ महोत्सव का होगा समापन
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10 अप्रैल को मुख्य पूजा अर्धनारीश्वर की करने के बाद रात्रि 10 बजे नदी से यात्रा घट लाया जाएगा और जिले में छऊ महोत्सव की शुरुआत और छऊ नृत्य का आगाज होगा. जिला प्रशासन ने तीन अप्रैल को सरायकेला, चार अप्रैल को मानभूम और पांच अप्रैल को खरसावां शैली के छऊ नृत्य प्रतियोगिता भी करा रही है. छऊ महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम और उद्घाटन सत्र 11 अप्रैल को बिरसा मुंडा स्टेडियम में होगा. इसमें अंतरराज्यीय छऊ नर्तक दल और ग्रामीण छऊ कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति होगी. 12 अप्रैल को भी अंतरराज्यीय छऊ नर्तक दल और ग्रामीण छऊ नृत्य कलाकारों की प्रस्तुति होगी. जबकि 13 अप्रैल को छऊ महोत्सव का समापन कार्यक्रम बिरसा मुंडा स्टेडियम में होगा जिसमें राजकीय चैत्रपर्व का रात्रि जागरण पूरी रात चलेगी और परंपरा अनुसार सरायकेला छऊ नृत्य का आयोजन होगा.
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