Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) कोरोना महामारी के फिर पांव पसारने व केंद्र-राज्य सरकार के निर्देश पर धनबाद में भी हाई अलर्ट जारी है. सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ने विगत 1 अप्रैल को सदर अस्पताल, एसएनएमएमसीएच सहित कई अन्य अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर तैयारियों का जायजा लिया, उन्होंने सभी अस्पतालों को दुरुस्त भी बताया. परंतु सिविल सर्जन का यह दावा अब खोखला साबित हो रहा है. इलाज से पहले कोरोना की जांच बेहद जरूरी है और स्वास्थ्य विभाग उसी में फिसड्डी साबित हो रहा है. हालत यह है कि शीघ्र ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो अगले चार से पांच दिन के अंदर एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना की जांच बंद कर दी जाएगी.
माइक्रोबायोलॉजी लैब में उपकरण की कमी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना की जांच बंद करने कारण उपकरण की कमी है. डेढ़ वर्ष बाद भी राज्य सरकार की ओर से जांच से संबंधित सामग्री की सप्लाई नही हुई. कैमिकल और उपकरण के अभाव में जांच की ऑटोमेटिक मशीनें भी बंद कर दी गयी है. पुराने ( री- एजेंट ) कैमिकल के जरिये मैनुअल तरीके से जांच की जा रही है. वह कैमिकल भी अब समाप्ति पर है. ऐसी स्थिति में अगले 4 से 5 दिन के बाद जांच बंद करना ही एक मात्र विकल्प होगा. बताया जाता है कि करोना जांच में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली ऑटोमेटिक मशीनें नए री-एजेंट की कमी के कारण बंद पड़ी हैं. नए री-एजेंट से नए वैरिएंट आसानी से पकड़ में आ जाया करते थे.
तीन वर्ष पहले मंगाए गए केमिकल से हो रही जांच
कोरोना के लिए सबसे विश्वसनीय आरटीपीसीआर जांच में तीन वर्ष पहले मंगाए गए केमिकल री-एजेंट का ही इस्तेमाल अभी हो रहा है. यह केमिकल कोरोना के नए वेरिएंट को पकड़ने में कितना कारगर है, यह कहना मुश्किल है. एसएनएमएमसीएच, सदर अस्पताल सहित तमाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लैब में हर दिन औसतन 50 से 60 सैंपल की जांच पुराने कैमिकल्स से हो रही है. हालांकि जिले में फिलहाल एक भी पॉजिटिव केस की पुष्टि नहीं हुई है.
सरकार को लिखा गया है: डॉ सुजीत तिवारी
एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सुजीत तिवारी ने बताया कि पुराने री- एजेंट से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है. नए वेरिएंट को डिटेक्ट करने में यह कितना असरदार है, यह कहना मुश्किल है. फिलहाल कोरोना के दो नए वेरिएंट XBB 1.15 तथा XBB 1.16 हैं, जिनकी जांच के लिए नए री- एजेंट की जरूरत है. इसके लिए सरकार को लिखा गया है.
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