Ranchi: कोरोना वायरस का नाम सुनते ही जहां लोगों के मन में भय हो जाता है. वहीं समाज के कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना के इस महामारी से जंग लड़ रहे हैं. सदर अस्पताल में पिछले 7 सालों से अनुबंध पर काम कर रहे हैं. रांची किशोरगंज के अनिल गुप्ता दोनों पैर से दिव्यांग हैं. बचपन में ही पोलियो के शिकार हो गए. पैर भले ही काम नहीं कर रहा था. लेकिन इच्छाशक्ति कमजोर नहीं हुई. अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं. अपने घर परिवार को चलाते हैं. साथ ही अपने बूढ़े मां-बाप की भी सेवा करते हैं.
पिछले एक महीने से कोविड वार्ड में बतौर वार्ड ब्वॉय कर रहे काम
अनिल सदर अस्पताल के चौथे तल्ले पर बतौर वार्ड ब्वॉय अपनी सेवा दे रहे है. इस तल्ले पर ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है. अनिल यहां पर आने वाले मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑक्सी फ्लो मीटर लगाने का काम करते हैं. मरीज के परिजनों को अन्य जानकारी भी देते हैं. अनिल कहते हैं कि सुबह 7 बजे से ड्यूटी रहती है. वक्त पर अपने काम पर पहुंच जाता हूं. 2 बजे ड्यूटी खत्म हो जाता है. लेकिन जब भीड़ ज्यादा होती है तो वक्त से ज्यादा काम कर मरीजों को राहत देने का प्रयास करता हूं.
दिव्यांगों को मिलने वाले राशि से जरूरतमंद लोगों की करते हैं मदद
अनिल कहते हैं कि दिव्यांग व्यक्ति को सरकार के द्वारा पेंशन दिया जाता है. इससे जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं. अब तक कई लोगों के विवाह में भी इस पेंशन की राशि को दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमारे जैसे समाज में और कई दिव्यांग व्यक्ति हैं, जिनका विकलांग प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है. वैसे लोगों की मदद करते हैं. सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़े तमाम काम में लोगों की मदद कर सुकून मिलता है.