Latehar : जिले के मसीही समुदाय के लोगों ने रविवार को ईस्टर (पास्का) का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया. महुआडांड़ के संत जोसेफ गिरजाघर में विशेष मिस्सा पूजा व बाइबल पाठ किया गया. इससे पूर्व शनिवार की रात जागरण मिस्सा के दौरान फादर सुरेश ने अपने संदेश में कहा कि प्रभु यीशु पुण्य शुक्रवार को क्रूस पर अपना बलिदान देकर समस्त मानव जाति को उसके पापों से उद्धार किया. उनका यह बलिदान ईश्वर के प्रति सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक है. इसके बाद रविवार की रात वह जी उठे. यह ज्योति का पर्व है. मृत्यु के बाद जीवन है. क्योंकि प्रभु यीशु प्रकाश की तरह पुन: जी उठे थे. हम रात्रि जागरण मिस्सा में ज्योति जलाकर ज्योति की गुनगान करते हैं. ईस्टर का शाब्दिक अर्थ है गुलामी से आजाद होना और अंधकार से प्रकाश में आना है. इसके अलावा चीरोपाठ चर्च में फादर बर्नाबस खलखो, गोठगांव चर्च में फादर मृतुलाल, साले चर्च में फादर जॉर्ज तिग्गा, पकरीपाठ में फादर अमित कुजूर और तुंदटोली में फादर सुशील लकड़ा ने विशेष मिस्सा पूजा की. ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों में फादर राजेश किस्पोट्टा, जॉन तिर्की, सेल्सियस, कमल, दिलीप, सेलिस्टीन, मनोरंजन और फादर सिल्पयुस समेत मसीह विश्वासी उपस्थित थे.
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