Baharagora : पश्चिम बंगाल के खेमाशुली में कुड़मी जनजाति को एसटी में शामिल करने और कुड़मी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग को लेकर रविवार को पांचवें दिन रेल चक्का और छठे दिन हाईवे 49 जाम की स्थिति जस की तस है. आदिवासी कुड़मी समाज के प्रमुख नेता अजीत महतो द्वारा कुस्तौर में रेल रोको आंदोलन वापस लेने की घोषणा के बाद भी खेमाशुली में कोई असर नहीं पड़ा है. आदिवासी कुड़मी समाज के समर्थक भी स्टेशन पर डटे हुए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज द्वारा घाघरा घेरा (हाईवे जाम) आंदोलन के तहत हाईवे 49 जाम है.
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हाईवे पर जमे हुए हैं आंदोलनकारी
इस गुट के आंदोलनकारी हाईवे पर जमे हुए हैं. स्टेशन पर भारी संख्या में स्थानीय पुलिस और रेल पुलिस के जवान तैनात हैं. रेलवे ट्रैक पर कोई नहीं है. समर्थक प्लेटफार्म पर बैठे हुए हैं. घाटशिला अनुमंडल के विभिन्न गांवों से भी सैकड़ों समर्थक यहां जुटे हुए हैं. पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज के अध्यक्ष राकेश महतो इसका नेतृत्व कर रहे हैं. कुड़मी समाज ने आम जनता की कठिनाइयों को देखते हुए हाईवे जाम आंदोलन थोड़ी ढिलाई दी है. समाज के नेताओं ने मंच से घोषणा की कि जनता की कठिनाइयों को देखते हुए सुबह 6 बजे से 10 बजे तक हाईवे बंद रहेगा, सुबह 10 बजे से 3 बजे तक खुला रहेगा, फिर दोपहर 3 बजे से रात 1 बजे तक जाम रहेगा. रात 1 बजे से सुबह 6 बजे तक खुला रहेगा.
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घाटशिला अनुमंडल से सैकड़ों समर्थक पहुंचे हैं खेमाशुली
फिलहाल खेमाशुली में कुड़मी समाज के हजारों लोग जुटे हुए हैं. नाच गाना का दौर चल रहा है. डीजे पर झूमर गीत बज रहा है और समाज के लोग नाच रहे हैं. धालभूमगढ़ निवासी कुड़मी संस्कृति विकास समिति के केंद्रीय अध्यक्ष स्वपन कुमार महतो, गुरुदेव महतो, विनय महतो, राजेश महतो, अजय महतो, गणेश महतो, खुदीराम महतो, सुदर्शन महतो समेत घाटशिला अनुमंडल से सैकड़ों समर्थक वहां पहुंचे हैं.