Ranchi : कोरोना महामारी दिन ब दिन विकराल होता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है. राज्य सरकार का पूरा फोकस अभी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने पर है. स्वास्थ्य विभाग छोड़, अन्य विभाग को अतिमहत्वपूर्ण कार्यों के लिए ही आवंटन मिल रहा है. राशि के अभाव में योजनाओं का काम प्रभावित हो रहा है. इस आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए जल संसाधन विभाग ने बकाया वाटर टैक्स की वसूली करेगा. इसके लिए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दिया है. बकाएदार कंपनियों को वाटर टैक्स भुगतान के लिए नोटिस भेजा रहा है.
जल संसाधन विभाग के अफसरों का कहना है कि बकाया वाटर टैक्स की राशि बड़ी है. प्रदेशभर में कुल 45 कंपनियों पर वाटर टैक्स के मद में 4500 करोड़ रुपये बकाया हैं. कंपनियों को पहले भी बकाया राशि भुगतान के लिए नोटिस भेजा गया था. मगर विभाग इस बार बकायेदार कंपनियों को नोटिस भेजेगा. फिर बकाया नहीं चुकाने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा. इतना ही नहीं, बकाया नहीं देने वाली कंपनियों का कनेक्शन भी काटा जाएगा.
कॉरपोरेट कंपनियों के अलावा सरकारी संस्थानों पर भी बकाया
वाटर टैक्स बकाया राशि सिर्फ कॉरपोरेट कंपनियों पर ही नहीं है. सरकारी कंपनियों पर भी बकाया है. सेल, एचईसी, कोल इंडिया और रेलवे पर भी जल कर मद में करोड़ों रुपए बकाया है. विभाग बकाया राशि भुगतान के लिए सरकारी कंपनियों से भी आग्रह किया है. सिर्फ चक्रधरपुर डिवीजन पर दो अलग-अलग मामलों में क्रमश: 22 करोड़ और 4 करोड़ रुपये बकाया है.
जल संसाधन विभाग के अफसरों का कहना है कि कंपनियों को पानी का आवंटन किया गया था. उन्हें इस एवज में भुगतान करना है. बकाएदार कंपनियों को आवंटित किए गए पानी का आवंटन किसी और को नहीं किया गया. यदि यह पानी किसी और को दिया गया होता, तो सरकार उससे पैसा की वसूली करती. बकाया राशि का बैक लॉग बढ़ता ही जा रहा है.
किस कंपनी पर कितना है बकाया
कंपनी | बकाया |
आधुनिक स्टील | 148 करोड़ |
कॉरपोरेट इस्पात | 139 करोड़ |
बोकारो स्टील | 535 करोड़ |
टाटा स्टील | 430 करोड़ |
जिंदल स्टील | 15 करोड़ |
जेएसडब्लयू | 10 करोड़ |