परिजनों ने एसडीओ से की शिकायत
Nalanda: कोरोना काल में मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ताजा मामला नालंदा से है जहां पैसे को लेकर डॉक्टर ने मरीज को बंधक बना लिया. मामला बिहारशरीफ के डाकबंगला मोड़ स्थित एक निजी क्लीनिक का है. यहां मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज के नाम पर वसूली का आरोप लगाया है. आरोप है कि मनमाना पैसा नहीं मिलने से डॉक्टर ने कोरोना मरीज को कमरे में बंद रखा. परिजनों को मरीज से मिलने भी नहीं दिया गया.
डॉक्टर ने एक लाख 42 हजार रुपए जमा करने कहा
तेल्हाड़ा के धर्मबिगहा गांव के रामाशंकर कुमार ने बताया कि वे मरीज रेणु देवी को लेकर दो मई को अस्पताल आए थे. उस समय मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम था. डॉक्टर ने कहा कि इसका इलाज तो करेंगे, लेकिन हर दिन उन्हें 25 हजार रुपए देने होंगे. एडमिट करने के बाद वे दवा और जांच का खर्च भी देते रहे. तीसरे दिन उन्होंने कहा कि अब पैसे नहीं हैं. इसलिए आज का पैसा लें और मेरे मरीज को दे दें. डॉक्टर ने एक लाख 42 हजार रुपए जमा करने पर मरीज को छोड़ने की बात कही. तब उन्होंने एसडीओ से शिकायत की.
आवेदक का आरोप सही
एसडीओ मुकुल पंकजमणि ने बताया कि जब वे क्लिनिक पहुंचे तो डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और बाकी सभी कर्मी क्लीनिक छोड़ कर भाग गये. जांच के दौरान पता चला कि आवेदक के आरोप बिल्कुल सही हैं. नालंदा के सिविल सर्जन ने कहा कि अधिकतर डॉक्टर जान हथेली पर लेकर इन दिनों लोगों की सेवा कर रहे हैं. वहीं कुछ लोगों की मजबूरी का फायदा भी उठा रहे हैं. डीएम योगेन्द्र सिंह ने कहा कि मामले की पूरी पड़ताल कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.