Lagatar Desk
PM मोदी ने CM हेमंत की नहीं सुनी ! हैमंत सोरेन ने ट्वीटर पर लिख कर यह सबको बताया. इसे लेकर पक्ष–विपक्ष के नेता खूब बोलरहे हैं. पर आप क्यों चुप हैं.
आप भी यहां लिख कर बोलें.
सवाल – तो क्या हेमंत को अपनी पूरी बात खुल कर नहीं कह देनी चाहिये ???
अपनी बात कहने के लिये कमेंट बॉक्स में लिखें.
ye bhi to btate ki pm kya kya bole. sabhi baton ko sarvjanik krte.
हा करनी चाहिए
हेमंत है तो हिम्मत है। आपको अस्पताल नहीं मिला
तो
उनको भी बंगाल नहीं मिला। हेमंत सोरेन का व्यान सही है प्रधानमंत्री मोदी जी को अपनी मन कि चिन्ता है हेमंत सोरेन को जन चिन्त है।
Kaam karna nahi hai or sirf ochhi rajniti karna in logo ka aachran ban gya hai or is mahamari ke waqt v aarop pratyarop karna hi inka kaam rah gya hai
Kejriwal ne bhi mann ki baat live kr diya tha… Uske baad delhi me LG rule lag gaya…. Jharkhand bhi hemant soren se nahi samhal raha hai… Modi ji kab meharbani karenge….
Dose it true that PM call to discuss about Covid 19 and Hemet Soren want to discuss other issues then Covid 19
माननीय मुख्यमंत्री जी अपनी बात सहित माननीय प्रधानमंत्री जी ने क्या कहा सभी बातो को सार्वजनिक करें।
Hemnat sirf bkawas kr sakt he. Nahin smahl rhaajharkhnad to sirf ghatiya rajnitibkr rha hai.
Hemant hai to himmat ha. Pagla hia kuchho bolta hai.
माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी आपने सत्य कहा है l आखिर देश के पीएम सच्चाई से भागते क्यों हैं l
भाजपा वालों को सच कड़वा लग रहा है l
हेमंत है तो हिम्मत हैं
अगर मौका मिले तो अपनी बात रखना चाहिए और अगर आपकी बात सुनने को तैयार नही है तो झारखंड वासियो के हित मे काम करे ।
Nahi samhl rahe he rajy to jnta Ka dhyan haha bhatka rahe hai
Haan karni chahiye
माननीय मुख्यमंत्री जी अपनी बात सहित माननीय प्रधानमंत्री जी ने क्या कहा सभी बातो को सार्वजनिक करें।
सच कड़वा होता है। हेमंत जी sach kah दिए।
महामारी की इस भयानक बेला में पूरा देश इस महामारी के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहा है।ऐसे में आपसी तालमेल केंद्र और राज्य के बीच होना बेहद जरूरी है और हर राज्य की अलग अलग समस्याएं है उन समस्याओं को राज्य के मुखिया से पुरो जानकारी प्राप्त करने के बाद उसी अनुरूप आवश्यक सहयोग केन्द्र को करना चाहिए इसके लिए यह बेहद ज़रूरी था कि मोदी जी आराम से हेमंत जी की बात सुनते और उसी अनुसार कदम उठाते।
कायदे से प्रधानमंत्री जी की बात सुन कर, हेमंत सोरेन जी को खुल कर अपनी बात कहनी चाहिए, जीवन रक्षक औषधि मडेसिविर, मेरोपेनम व जीवन रहे यंत्र वेंटिलेटर एवं Anesthesiologist की कमी को उठानी चाहिए, साथ ही साथ कोविड के वैसे मरीज जो निजी अस्पतालों में इजाजत है उनका खर्च केंद्र- राज्य सरकार को उठानी चाहिए इस मुद्दे पर बात होनी चाहिए थी. गांवों में इलाज करने वाले झोला छाप डॉक्टर को Training करा कर उन्से कर उनके उनसे पारा मेडिकल स्टाप काम लिये जाने के संबंध में बात हो नी चाहिए थी. इसके अलावा बिदेश से आए मेडिकल सामग्री के वितरण के संबंध में बात करनी चाहिए थी.अगर केंद्र- राज्य संबंध रहे तो ये संघीय ढांचे के सेहत के लिए हानिकारक साबित होगा.
अंततः एक वाक्य में कहुं तो जनप्रतिनिधियों के संवाद का सीधा प्रसारण होना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में जनता को जानने का अधिकार है कि उनके हित में सरकारें क्या बात कर रहे हैं. इससे लोकतंत्र मजबूत होगा.
हमारे मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा, सही कहा है। भाजपा को मिर्ची क्यों लग रही है। मोदी-शाह द्वारा गंदी राजनीतिक की जा रही है। कोरोना के संकटकाल के समय 5 राज्यों में चुनाव करवाना निदनीय है।
जी हां हेमंत जी को अपनी पूरी बात खुलकर कह देनी चाहिए क्योंकि देश की जनता को भी तो पता चलना चाहिए
बिल्कुल कहनी चाहिए ,हेमंत जी को जनता के बीच अपनी बातों को खुल कर रखना चाहिए ताकि जनता को भी पता चले सच क्या है आखिर झारखंड के प्रति देश के प्रधानमंत्रीजी क्या सोचते हैं
समस्या का हल जिनके पास है तो कहना उन्ही को होगा, कहेंगे तभी तो व्यवस्था में सुधार होगा. पद का जो सोपान है उसमें पीएम सबसे ऊपर है तो सीएम पीएम से कहेंगे ही.
बिल्कुल झारखंड की परिस्तिथि को देखते हुवे हेमंत सोरेन को अपनी बात खुल कर प्रधान मंत्री को कहनी चाहिए ।
यह वक्त राजनीति द्वेष को भूलकर राज्य के भाजपा नेताओं के साथ समन्वय बनाकर राज्य के लोगों की जान बचाने के लिए सीएम हेमंत सोरेन जी को केंद्र से सहयोग प्राप्त करने में मदद की पहल करनी चाहिए। ऐसे तंज कसने जैसा प्रतीत होने वाला बयानबाजी से गरिमा को ठेस पहुंच रहा है। आज स्थानीय नेता अर्जुन मुंडा केंद्र में है , पूर्व सीएम रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी, सांसद दीपक प्रकाश आदि कई नेता है जिनसे बात करनी चाहिए न कि इस तरह की बयानबाजी में बड़ना चाहिए।
माननीय मुख्यमंत्री हेमंत जी को अपनी बातों को जनता के बीच खुलकर रखना चाहिए आखिर जनता को भी पता चले सच क्या है माननीय प्रधानमंत्री जी झारखंड के प्रति किस तरह का सोच रखते हैं
हेमंत है तो हिमत नही है
1.संविधान में तीन लिस्ट दिया गया है पहला यूनियन लिस्ट दुसरा स्टेट लिस्ट तीसरा कांकरेंट लिस्ट अभी का जो स्थिति है स्वास्थ का वह कांकरेंट लिस्ट में आता है जहाँ पर राज्य अपने लिए नियम बना सकता है और लागू कर सकता है जहाँ पर झारखंड सरकार फेल हो गया है।
2. जब से सरकार बनी है इनका ना शिक्षा और ना स्वास्थ्य ध्यान रहा इनका तो सिर्फ और सिर्फ तबादला पर ध्यान रहा है।
3.आज जो महामारी आया है पिछले साल भी आया था और दुसरे राज्य में काम करने वाले मजदूर वापस आये थे पर उनका आज तक यह सरकार आकड़ा इकठा करने में नाकाम रही।
4. यह कह रहे है कि केन्द्र सरकार इनकी नही सुनती है यह जनता को बुड़बक बना रहे है और अपनी नाकामी को छुपा रहे है ओर नाकामी केन्द्र सरकार पर मढ़ना चाह रहे है।
5.पिछले साल बोकारो उपायुक्त द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया था पर अपने लाभ के लिए उनका तबादला कर दिया गया।
हेमंत है तो डर है अगर कुमार जय मंगल है तो सब मंगल है।
मुझे क्या जरूरत है।इसके बारे में मैं जानता हूँ।अगर कोई काम की बात नहीं करे तो अपना भी दायित्व है कि हम अपनी बात को रखें।
मोदी सरकार तो ये चाहती है कि झारखंड बर्बाद हो जाय लेकिन माननिये मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी ने पूरा भारत मे नाम कमाने का काम किये है इस कोरोना काल मे जबकि केंद्र सरकार बराबर झाररखण्ड को अनदेखा किया है
PM ko sab kuchh PR lagta hai.. phone karo aur pravachan shuru kar do.. baatcheet kabhi bhi ek-tarfa nahi ho sakta.. PM ke ghisi-piti baatein sunane ka shauk kisi ko nahi hai.. achha hua CM ne khul k jawab diya.
एकदम बोलना चाहिए, जब बोले है तो पूरा बोले जो भी मन में है।
एक मुख्यमंत्री को अपने प्रधानमंत्री से खुलकर बात करनी ही चाहिए। हेमंत सोरेनजी एक गंभीर व्यक्ति है। इन्होंने मजबूरी में ही ऐसा किया है।
माननीय मुख्यमन्त्री जी अपनी बात खुल कर रखनी चाहिए इस आपदा कि घड़ी मे राजनीती छोड़ कोरोना से पीड़ित लॉगो का जान कैसे बचे हर सम्भव् प्रयास किया जाना चाहिए माननीय प्रधानमंत्री जी को केवल अपने मन की बात नहीं करनी चाहिए माननीय मुख्यमन्त्री जी का जो झारखंड मे आ रहे समस्या को सुनना चाहीए मैं तो साफ शब्दों मे यह कहना चाहूँगा कि इस आपदा की घड़ी मे केन्द्र ओर राज्य सरकार दोनों मिलकर काम करनी चाहिए
हेमंत सोरेन को सच बोल ही देना चाहिए। लोकतंत्र के अपनी बात रखने की आजादी
PM Modi apni party BJP ko lekar Jharkhand of CM Hemant Soren ki baat nahi suni lekin jo baat PM Modi CM se kaha hai woh baat sarwjanik kare taaki aam janta ko jankari ho jaay taki janta ko pata chale ki PM Modi Jharkhand ke baare mein kya sochte hai.Thanks
Ofcourse
माननीय मुख्यमंत्री जी अपनी बात सहित माननीय प्रधानमंत्री जी ने क्या कहा सभी बातो को सार्वजनिक करें।
बिल्कुल कह देनी चाहिए ।
ट्वीटर के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने अपनी पीड़ा को साझा करते हुए कहा कि हमारी बात को माननीय प्रधानमंत्री जी नहीं सुना। सिर्फ मन कि बात किया जबकि काम की बात करना चाहिए था। मुख्यमंत्री झारखंड के बातों को पूरजोर तरिके से रखना चाहते थे पर उनकी बात नहीं सुना गया। प्रधानमंत्री जी को चाहिए था कि राज्य की बातें को ध्यान पूर्वक सुनकर कोई भी समस्या का समाधान के लिए आश्वासन दिया रहता तो बेहतर होता। जिससे आज प्रधानमंत्री की गरिमा और बढ़ती। दुर्भाग्य है विचारों को सुने बिना सिफ अपनी मन की बात बात बोल कर चले जाना बातचीत का कोई मतलब है नहीं रहा।
इस समय मन की बात से कुछ फायदा नहीं होने वाला है। सिर्फ और सिर्फ काम की बात करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री ने कोशिश किए पर कामयाबी नहीं मिली।जैसा उनके बयानों से पता चलता है। माननीय प्रधानमंत्री जी को मुख्यमंत्री की बातों को गौर से सुनना चाहिए था जिससे राज्य की बातें निकल कर सामने आती।पर नहीं हो पाया।अब मुख्यमंत्री को पत्राचार कर अपनी बातों को रखा जाना चाहिए तथा मीडिया कान्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि हमने राज्य के लिए प्रधानमंत्री से मांग या समस्या को अवगत कराया है।तभी पारदर्शिता बनेगी।
जी हां, कहनी चाहिए क्योंकि उनके कंधे पर 3 करोड़ लोगों की जिम्मेवारी है।
एक और राय मेरी तरफ से मुख्यमंत्री जी के लिए, हमारे राज्य में शराब की दुकानों को पुर्ण रूप से बन्द कर देना चाहिए जबतक कोरोना नहीं समाप्त हो जाती है।
Agar pm apni Maan ki baat kewal bole to humare cm ache se unki sari Maan ki baat suun lete uske baad apni baat rakhte ,aur ache se apni baat PM ke pass rakhiye , es time pe CM ke parisani ko suna chaheye, avi es time pe logo ko apki action ki jarurat hai na ki political issue ko lekar Gana Gana hai
ये लोग आलोचना करने के आदी हो गये हैं।मोदी जी ने तो बात करने के लिए ही फ़ोन किया होगा।परन्तु अपनी बात प्रधानमंत्री के समक्ष बोलने के बदले सोशल मीडिया पर राजनीति करना अच्छी बात नहीं कही जा सकती।
प्रधानमंत्री जी को हेमंत जी का पूरी बात का जवाब देनी चाहिए क्योंकि यहां जनता कि बात है
सिस्टम”इतना नीच है कि मन की बात तो करता है पर मुद्दे की बात कभी नही करता है आज झारखंड के बीजेपी विधायक और सांसद को ये एक मुद्दा मिला है छल से जीते हुए अर्जुन मुंडा जी सिर्फ आप अपना ही मन का बात बोलिएगा कि दूसरा का भी मन का बात सुनिए गा एकदम झारखंड को बेवकूफ समझता है केंद्र https://t.co/WhoQlblrh2
जी हेमंत sir को पूरी बात जनता को बताना चाहिए
झारखंड CM ने ट्वीट कर लोगों को बताया केजरीवाल ने PM संग बातचीत लाइव किया विल्कुल सही जनताओं को हकीकत का पता चल पाया नही तो राज्य सरकारों पर ही निक्कमी का आरोप लगता।इसी तरह गैर BJP शासित प्रदेश के CM को PM संग बातचीत को लाइव करना ही चाहिए।
सभी शीर्ष राजनेता राजनीतिक रोटी सेकने में व्यस्त है।वर्तमान हालात को देखकर ऐसा कतई नही लगता है कि इन्हें जनता की चिंता है।दूसरे कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर आ कर चली गईं परंतु हमारे तारणहार/पालनहारो ने अपनी दूरदर्षिता का परिचय देते हुए कोरोना से निपटने हेतु आवश्यक तैयारी यथा-hospital,डॉक्टर,वेंटिलेटर की व्यवस्था न कर चुनावी रैलियों में व्यस्त रहना उचित समझा।भारत देश का एक स्वतंत्र नागरिक होने के नाते मैं इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।तमाम जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।जिन्होंने covid महामारी के कारण अपनो को खोया है उनसे पूछिये दर्द क्या होता है।इन सब मौत का जिम्मेदार आखिर कौन???????😢
मौजूदा विकराल समय में CM की बात सुननी चाहिए और उस पर अमल भी करना चाहिए
Bilkul Eis mahamari mein state ke saath kandha se kandha milakar kam karna chahiye.Jo bhi awashyakta state ko hai oose bina deri kiye pura kiya jana chahiye.
मा.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बिल्कुल साफ सुथरी अपनी बातों को रखनी चाहिए । हर चीज में राजनीतिक नजरिया नहीं होनी चाहिए । अभी पक्ष विपक्ष सभी को एक होकर देश में फैले महामारी को कैसे दूर किए जाएं इस पर विचार होनी चाहिए -लक्ष्मण सिंह मुंडा, सांसद प्रतिनिधि तमाड़ ।